हिंदी का भविष्य: साल 2050 तक दुनिया की सबसे शक्तिशाली भाषाओं में से एक होगी हिन्दी

 एक भाषा जिसने हमें और आपको एक सूत्र में बांधा है उसका नाम है हिंदी भाषा। हिंदी भारत के 18 करोड़ लोगों की मातृभाषा है जबकि 30 करोड़ लोग ऐसे हैं जो हिंदी का इस्तेमाल Second Language के तौर पर करते हैं। यानी जो संवाद हम हिंदी में करते हैं..वो भारत के करीब 48 करोड़ लोगों तक सीधे पहुंचता हैं। इतना ही नहीं। दुनिया के करीब 150 देश ऐसे हैं जहां हिंदी भाषी लोग रहते हैं।

  • यानी हिंदी दुनिया की ताकतवर भाषाओं में शामिल है। और इसे बोलने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन क्या आपको पता है कि वर्ष 2050 तक हिंदी दुनिया की सबसे शक्तिशाली भाषाओं में से एक बन जाएगी।
  •  World Economic Forum ने एक Power Language Index तैयार किया है। इस Index में वो भाषाएं शामिल हैं जो वर्ष 2050 तक दुनिया की सबसे शक्तिशाली भाषाएं होंगी। हिंदी भी इस Ranking में Top 10 भाषाओं में शामिल है। 
  • वर्ष 2050 को ध्यान में रखकर तैयार किए गए इस Index में हिंदी 10वें नंबर पर है । लेकिन इसमें ऊर्दू और हिंदी की स्थानीय बोलियों को नहीं जोड़ा गया है। 
  • लेकिन आपको ये जानकर थोड़ा अफसोस होगा कि अर्थव्यवस्था में सशक्त भूमिका निभाने के मामले में हिंदी 16वें नंबर पर है। Geography यानी क्षेत्रफल के हिसाब से 13 वें नंबर पर, Communication यानी संचार के मामले में 8वें नंबर पर और कूटनीति यानी Diplomacy के मामले में 10वें नंबर पर है। इसी वजह से हिंदी की OverAll Ranking बाकी की 9 भाषाओं के मुकाबले कमज़ोर है। लेकिन हिंदी की ताकत का आंकलन करते हुए इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि भारत ने 5 हज़ार वर्ष के इतिहास में कभी किसी दूसरे देश पर आक्रमण नहीं किया और दूसरे देशों में उपनिवेश भी स्थापित नहीं किए। 
  • अंग्रेज़ी शक्तिशाली भाषाओं की Ranking में पहले नंबर पर है तो उसका सबसे बड़ा कारण है। अंग्रेज़ों द्वारा दूसरे देशों को अपना उपनिवेश बनाना। स्पेन, फ्रांस, पुर्तगाल और अरब देशों का इतिहास भी इस बात का गवाह है कि इन देशों ने दूसरे देशों पर हमले करके, वहां अपनी भाषा और संस्कृति का प्रसार किया। चीन इस Ranking में दूसरे नंबर पर इसलिए है क्योंकि चीन दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है और वहां के 140 करोड़ लोगों में से ज्यादातर चाइनीज़ ही बोलते और लिखते हैं। 
  • चीन में Internet और सोशल मीडिया पर भी वहां की भाषा Mandarin का ही इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि चीन में Twitter, Facebook और Wikipedia जैसी साइट्स पर प्रतिबंध है। और वहां इन Sites की Chinese भाषा में तैयार की गई नकल का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसीलिए हम कह रहे हैं कि हिंदी पर आपको गर्व करना चाहिए। वैसे लिखने-पढ़ने की बात हो या बोलने की। देश-दुनिया में हिंदी लोकप्रिय भाषा के रूप में उभर रही है। इंटरनेट से इसे एक नई ताकत मिली है। आपको जानकर हैरानी होगी कि देश के Digital World में तो अंग्रेजी की तुलना में हिंदी सामग्री यानी content की मांग 5 गुना तेज़ी से बढ़ रही है।

- भारतीय युवाओं के स्मार्टफोन में औसतन 32 Apps होते हैं, जिनमें से 8 या 9 हिंदी के हैं। भारतीय युवा YouTube पर 93 प्रतिशत हिंदी वीडियो देखते हैं। 

- Digital World यानी इंटरनेट की दुनिया में हिंदी को बढ़ाने में Unicode ने अहम भूमिका अदा की है । Unicode एक ऐसी तकनीक होती है, जो कंप्यूटर पर हर एक अक्षर के लिए एक विशेष नंबर प्रदान करता है। इससे इंटरनेट पर हिंदी के इस्तेमाल में आसानी होती है।

- अभी इंटरनेट पर 15 से ज्यादा हिंदी सर्च इंजन मौजूद हैं। 

- डिजिटल मीडिया में हिंदी content की मांग 94 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है जबकि अंग्रेजी content की मांग 19 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। 

- 21 प्रतिशत भारतीय हिंदी में इंटरनेट का उपयोग करना चाहते हैं। लेकिन अभी भी हिंदी के सामने बड़ी चुनौतियां हैं, जिनसे पार पाना आसान नहीं है। 

- हिंदी अभी भी इंटरनेट पर दस सबसे बड़ी भाषाओं में शामिल नहीं है।

- सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल की 95 प्रतिशत सर्च सामग्री अभी भी अंग्रेज़ी में ही उपलब्ध है। 

- गूगल पर बाकी 5 प्रतिशत में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं की सामग्री है और दुनिया में सिर्फ 0.04 प्रतिशत वेबसाइट ही हिंदी में हैं। 

- वर्ष 2050 तक हिंदी दुनिया की सबसे शक्तिशाली भाषाओं में इसलिए शामिल हो जाएगी क्योंकि हिंदी अब बाज़ार और अर्थव्यवस्था की भाषा भी बनने लगी है। 

- हिंदी के बगैर देश की आर्थिक तरक्की नहीं हो सकती। इस बात को बहुत पहले ही समझ लिया गया था। लेकिन हिंदी को Hit से Super Hit भाषा बनने में कई वर्ष लग गए।

- हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसी दिन वर्ष 1949 में संविधान सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर शामिल किया था।

-  राजभाषा वो भाषा होती है जिसमें सरकारी कामकाज किया जाता है और राजभाषा का मतलब राष्ट्र भाषा नहीं होता। हालांकि हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने को लेकर कई तरह के आंदोलन होते रहे हैं। 

- वर्तमान दौर में हिंदी भारत के करीब 40 प्रतिशत लोगों की मातृभाषा है।

- अंग्रेजी, Mandarin और स्पेनिश के बाद हिंदी दुनियाभर में बोली जाने चौथी सबसे बड़ी भाषा है। 

- दुनियाभर में हर छठा इंसान हिंदी बोलता या समझता है। 'प्रेम सागर' को आधुनिक हिंदी में प्रकाशित हुई पहली किताब माना जाता है। लेखक लल्लू लाल की ये किताब 1805 में प्रकाशित हुई थी।

- 1930 में दुनिया को पहला हिंदी टाइपराइटर मिला था। हालांकि आधुनिक देवनागरी स्क्रिप्ट 11वीं शताब्दी में ही अस्तित्व में आ गई थी। 

- हिंदी छपाई का पहला सबूत कोलकाता में 1796 में जॉन गिलक्रिस्ट की किताब 'Grammar of Hindustani Language' के रूप में मिलता है।  

- हिंदी दुनिया की उन गिनी-चुनी भाषाओं में से एक है जिनमें जो लिखा जाता है वही बोला भी जाता है। 

- हिंदी में एक भी ऐसा शब्द नहीं है जिसका उच्चारण उसके लिखने से थोड़ा भी अलग हो। इसी वजह से अंग्रेजों ने हिंदी को बेस्ट Phonetic Language कहा था, जबकि अंग्रेजी में जैसा लिखा जाता है, कई बार वैसा बोला नहीं जाता है और ये कई लोगों के लिए परेशानी की वजह बन जाती है।  

- अमेरिका के 45 विश्व विद्यालयों सहित दुनिया के 176 विश्व विद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है। 

- विदेशों में 25 से ज्यादा अखबार और मैगज़ीन रोज़ हिंदी में निकलते हैं। दुनिया में करीब 120 करोड़ लोग हिंदी बोलते या समझते हैं। 

- दुनिया के 150 देशों में हिंदी का अस्तित्व है..जिनमें जर्मनी, मॉरीशस, नेपाल, न्यूज़ीलैंड, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं।

- हिंदी अपने ही देश हिंदुस्तान में उपेक्षा की शिकार हो रही है जबकि पूरी दुनिया हिंदी के महत्व को जान भी रही है और मान भी रही है।

- People’s Linguistic Survey of India के मुताबिक, दुनिया में हिंदी बोलने वाले लोगों की संख्या अंग्रेजी से भी ज्यादा तेजी से बढ़ रही है।

- पिछले 8 वर्षों के दौरान दुनिया में हिंदी भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या 50 फीसदी बढ़ गई है।

- US Census 2011 के मुताबिक वर्ष 2000 से 2011 के दौरान अमेरिका में हिंदी बोलने वाले लोगों की संख्या 105 फीसदी बढ़ गई। 

- वैसे हिंदी सिर्फ भारत की राजभाषा नहीं है। फिज़ी की आधिकारिक भाषा भी हिंदी है जिसे स्थानीय लोग फिजी हिंदी या फिजी बात कहते हैं।

- आधुनिक हिन्दी साहित्य के पितामह कहे जाने वाले भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का मानना था कि - 'निज भाषा यानी कि मातृ भाषा की उन्नति ही सब तरह की उन्नतियों का मूल आधार है।'

- आज के दौर में अंग्रेज़ी को सफलता की गारंटी माना जाता है, क्योंकि अंग्रेज़ी को सम्मान से जोड़कर देखा जाता है। आज अगर आप अंग्रेजी बोलते हैं तो आपको प्रथम श्रेणी का नागरिक माना जाएगा, लेकिन अगर आप हिंदी बोलते हैं तो आपको दूसरी या तीसरी श्रेणी का नागरिक समझा जाता है। 

- कई लोग हमेशा ये दलील देते हैं कि अंग्रेज़ी ज्ञान-विज्ञान और विकास की भाषा है। जबकि रूस, जर्मनी, जापान और चीन जैसे कई देशों ने अपनी मातृभाषा को अपनाकर ये साबित कर दिया है कि मातृभाषा में विद्यार्थी अधिक सफल होता है और अपनी मातृभाषा के दम पर भी देश तरक्की करता है। 

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