खत्म हो जाएगी स्पेक्ट्रम (Spectrum) की किल्लत

  • सरकार अगले दो महीनों के भीतर स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए अभी तक की सबसे बड़ी नीलामी शुरू करने वाली हैं।
  • सरकार की मंशा इस बार 700 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की भी भरपूर मात्र नीलाम करने की है।
  • इस स्पेक्ट्रम की सबसे अहम खासियत यह बताई जा रही है कि यह घनी बस्तियों में भी निर्बाध तरीके से दूरसंचार सेवा दी जा सकती है
  • इस बार एक बार में ही 700, 800, 1800 व 2100 मेगाहट्र्ज का स्पेक्ट्रम एक साथ नीलाम होगा।

ट्राई का apprehension  शंका इस स्पेक्ट्रम की नीलामी को लेकर

  •  पिछले दो कैलेंडर वर्षो में स्पेक्ट्रम नीलाम होने की वजह से कंपनियां इस बार ज्यादा कीमत नहीं दे सकेंगी।
  • पिछले दो वर्षो के दौरान जो स्पेक्ट्रम दिया गया है, उसका इस्तेमाल ही मोबाइल कंपनियों ने अभी नहीं किया है इसलिए इस बार जो उपलब्ध स्पेक्ट्रम है, उसे दो हिस्सों में नीलाम किया जाना चाहिए।

दूरसंचार विभाग का मत

  • दूरसंचार विभाग का अनुमान है कि अगले तीन से पांच वर्षो के भीतर जब देश की अधिकांश आबादी मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल करने लगेगी तब ज्यादा स्पेक्ट्रम की जरूरत होगी। इसकी तैयारी अभी से होनी चाहिए। 
  • दूरसंचार विभाग सभी स्पेक्ट्रम की नीलामी एक साथ करने के लिए तैयारी कर रहा है ताकि इसकी किल्लत को हमेशा के लिए दूर किया जा सके।

क्या है स्पेक्ट्रम

स्पेक्ट्रम', 'इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम' का छोटा रूप है। यह उस विकिरण ऊर्जा को कहते हैं, जो धरती को घेरे रहती है। इस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रैडिएशन (ईएमआर) का मुख्य स्रोत सूरज है। साथ ही, यह ऊर्जा तारों और आकाशगंगाओं से भी मिलती है। इसके अलावा, यह ऊर्जा धरती के नीचे दबे रेडियोएक्टिव तत्वों से भी मिलती है।

ईएमआर का एक रूप दिखाई देने वाली रोशनी है, जबकि दूसरा रूप रेडियो फ्रिक्वेंसी (आरएफ) स्पेक्ट्रम होता है। साथ ही, ईएमआर में इन्फ्रारेड और अल्ट्रावॉयलेट किरणों जैसी कई दूसरे प्रकार और असर वाली वेवलेंथ  भी होती हैं। हर देश को एक समान ही आरएफ स्पेक्ट्रम मिलता है।

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