डिजिटल लेन-देन के लिए नहीं चाहिए होगा कार्ड या फिर मोबाइल फोन

जल्द ही सभी अंगूठे में बैंक समा जाएगा. क्योंकि सरकार आधार आधारित नयी व्यवस्था आधार पे शुरु करने जा रही है. उधर, सरकार ने ऐलान किया कि देश में 111 करोड़ लोगों को आधार जारी कर दिए गए हैं.

  • 12 अंकों वाला विशिष्ट पहचान संख्या यानी आधार के मामले में सरकार को गणतंत्र दिवस के अगले दिन बड़ी कामयाबी मिली जब आधार नंबर 91 फीसदी से भी ज्यादा आबादी तक पहुंच गयी.
  • इतनी बड़ी आबादी को आधार दिए जाने के साथ ही सरकार एक नयी वित्तीय व्यवस्था आधार पे शुरु करने जा रही है. इस नयी व्यवस्था में...
  • बगैर किसी कार्ड या फोन के न केवल भुगतान किया जा सकेगा, बल्कि प्राप्त भी किया जा सकता है.
  • इस व्यवस्था में भुगतान हासिल करने वाले के पास एक स्मार्ट फोन होना चाहिए जिससे बायोमेट्रिक सेंसर जुड़ा होगा.
  • सेंसर की कीमत मात्र दो हजार रुपये है.बस आधार नंबर डालने के बाद सेंसर पर अंगूठा होगी और पैसा एक जगह से दूसरे जगह पहुंच जाएगा या आ जाएगा
  • इस व्यवस्था के लिए जरुरी है कि आपका आधार आपके बैंक खाते से जुड़ा हो.अब तक 39 करोड़ बैंक खातों को आधार से जोड़ा जा चुका है जबकि हर महीने दो करोड़ बैंक खाते को आधार से जोड़ने का लक्ष्य है.
  • 14 बैंकों के साथ नयी व्यवस्था शुरु करने के लिए बात चल रही है. इसमें से पांच बैंकों, भारतीय स्टेट बैंक, सिंडिकेट बैंक, आईडीएफसी बैंक, आंध्रा बैंक और इंडसइंड बैंक ने पायलट प्रोजेक्ट शुरु किया है
  • सरकार ने आधार पे को भीम के साथ जोड़ने का इरादा जताया है. इससे सभी बैंक एक साथ नयी सुविधा मुहैया करा सकेंगे.
  • आधार के जरिए सरकारी योजनाओं के तहत भुगतान सीधे लाभार्थियों के खाते में करने के लिए आधार पेमेंट ब्रिज की शुरुआत पहले ही की जा चुकी है.
  • आम बोलचाल की भाषा में इसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी कहा जाता है. सरकार का दावा है कि
  • 31 मई 2014 को जहां आधार पेमेंट ब्रिज के जरिए 4474 करोड़ रुपये का लेन-देन होता था वो 15 जनवरी को 44967 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.इसमें मनरेगा के तहत करीब साढ़े नौ करोड़ लोगों को मजदूरी दी गयी. इसी तरह रसोई गैस सिलिेंडर पर सब्सिडी भुगतान 3970 करोड़ रुपये से बढ़कर 28762 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी.
  • सरकार ने ये भी ऐलान किया कि आधार के जरिए सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का फायदा सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाने से बीते दो सालों में सरकार को करीब 36 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है. सरकार को उम्मीद है कि जैसे-जैसे ज्यादा से ज्यादा बैंक खाते आधार से जुड़ेंगे, ये रकम और भी बढ़ेगी.

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