लोकसभा ने बेनामी संव्यवहार (प्रतिषेध) संशोधन विधेयक 2015 पारित कर दिया। इस विधेयक के कानून का रूप लेने पर बेनामी सौदों पर रोक लग सकेगी जिससे देश में काले धन पर नियंत्रण लग सकेगा।
इस कानून के तहत देश में मौजूद बेनामी संपत्तियों को जब्त करने और आरोपी को दंड देने का प्रावधान है।
क़ानून का मकसद : इस विधेयक का उद्देश्य बेनामी लेनदेन अथवा कारोबार को प्रभावी ढंग से रोकना और अनुचित तरीके से कानून को धोखा देने पर लगाम लगाना है। यह विधेयक सरकार को तय प्रक्रिया अपनाते हुये बेनामी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार देता है। इससे सभी नागरिकों के बीच समानता को बढ़ावा मिलेगा।
धार्मिक सम्पति व कानून :धार्मिक और परमार्थ संगठनों की संपत्तियों को इस कानून में छूट देने का अधिकार सरकार के पास है। हालांकि अगर कोई इन संपत्तियों के बहाने धोखाधड़ी करता पाया गया तो सरकार के पास यह अधिकार है कि वह इस छूट को वापस ले ले।
उच्च न्यायालय कर सकेंगे निपटारा: इसमें मामलों के अपीलीय निपटारे के लिहाज से उच्च न्यायालय को अधिकार दिया गया है। मिसाल के तौर पर अगर किसी व्यक्ति का संपत्ति पर से अधिकार जा रहा हो और अपीलीय प्राधिकार में जाने के बाद भी उसे अगर लगे कि कोई साक्ष्य वह पेश करना चाहता है तो ऐसे मामलों के लिए उच्च न्यायालय को अधिकार दिया गया है।