कला, कलाकारों की रचनात्मक अभिव्यक्ति है और कलाकार प्रचलित सामाजिक परिस्थितियों के दर्पण होते हैं। ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ को सेंसर नहीं किया जाना चाहिए। इस कथन की रोशनी में श्याम बेनेगल की अध्यक्षता वाली सेंसर बोर्ड सुधार समिति की मुख्य सिफारिश को कैसे

GS PAPER II

सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

कला, कलाकारों की रचनात्मक अभिव्यक्ति है और कलाकार प्रचलित सामाजिक परिस्थितियों के दर्पण होते हैं। ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ को सेंसर नहीं किया जाना चाहिए। इस कथन की रोशनी में श्याम बेनेगल की अध्यक्षता वाली सेंसर बोर्ड सुधार समिति की मुख्य सिफारिश को कैसे देखा जाये. साथ ही सिफारिश के कार्यान्वयन से कलाकारों की रचनात्मक अभिव्यक्ति की रक्षा कैसे होगी?

Arts are creative expression of artists and they mirror prevailing social conditions. This freedom of expression should not be censored. In this light highlight main recommendation of Shyam Benegal led censor board revamp committee report and also explain how implementation of these recommendation will shelter the creative expression of artists?

http://www.hindustantimes.com/editorials/bombay-hc-gives-nihalani-led-cbfc-a-wake-up-call/story-TIMyM0nYgW3PTOreDtPLrO.html

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