सार्क में अहम है भारत की भूमिका

भारत के बहिष्कार और कुछ और देशों के साथ आ जाने के बाद पाकिस्तान में होने वाला सार्क सम्मेलन रद्द हो गया है। अफगानिस्तान, बांग्लादेश व भूटान के सहयोग के साथ श्रीलंका तो यह तक कह चुका है कि भारत के बिना सम्मेलन का औचित्य ही नहीं है। जानिए www.gshindi.com की तरफ से आखिर इस संगठन में क्यों अहम है भारत की भूमिका।

A.आर्थिक दृष्टि से :-
1.भारत सार्क में न सिर्फ क्षेत्रफल व जनसंख्या के लिहाज से 70 फीसदी हिस्सेदारी रखता है, बल्कि संगठन की अर्थव्यवस्था में भी उसकी भागीदारी 70 प्रतिशत से ज्यादा है। 
2. वर्तमान में हमारा अन्य सार्क देशों के साथ व्यापार 15 बिलियन डॉलर यानी 1002 अरब रुपए के बराबर है।
3.  इसमें से 17.5 बिलियन डॉलर का निर्यात है और आयात महज 2.5 बिलियन है। 
4. यह दक्षिण एशियाई देशों की भारत पर निर्भरता को दर्शाता है। 
5. संगठन के देशों में सबसे ज्यादा व्यापार भारत का बांग्लादेश, श्रीलंका व नेपाल के साथ रहा है। 2013-14 में हमने सार्क के कुल व्यापार का 33.3 फीसदी बांग्लादेश के साथ किया है। वहीं श्रीलंका के साथ यह 26 फीसदी और नेपाल के साथ 20.6 प्रतिशत रहा है।
6.  वहीं अगर दूसरे देशों के नजरिए से देखें तो नेपाल और भूटान का 50 प्रतिशत व्यापार तो सिर्फ हमारे साथ ही होता है। 

B. सहयोग के मामले में :-
1.चाहे आफगानिस्तान हो या बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, मालदीव या नेपाल, आर्थिक रूप से भारत सभी का सयहोग करता रहा है।
2.  यह सहयोग का ही उदाहरण है कि भूटान में हम ऊर्जा से जुड़ी कई परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। 
3. इसके साथ वह हमसे पर्यटन, शिक्षा, निर्माण और उद्योग में भी और निवेश चाहता है। 
4. वहीं पर्यटन, होटल, एयरपोर्ट्स व मतस्य उद्योग में सहयोग बढ़ाना चाहता है। 
5. इनके अलावा श्रीलंका को 20 करोड़ डॉलर के भारतीय निवेश के 1 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह भी एक वजह है कि सम्मेलन में शिरकत न करने के भारत के फैसले के बाद इनमें से ज्यादातर समर्थन में आए हैं।
6. इसके आलावा अफगानिस्तान में आर्थिक गलियारे के विकास के साथ नेपाल में भी भारत की परियोजनाएं चल रही हैं। 

3. कूटनीतिक नजरिए से :-
1.इतिहास में झांके तो ये सब किसी न किसी तरह से भारत के ही भू-भाग हैं। मौर्य काल में भारत आफगानिस्तान से म्यांमार (शार्क के प्रेक्षक देशों में शामिल) तक था। ऐसे में सांस्कृतिक तौर पर भी हम इन देशों के लिए केंद्र के समान हैं। 
2. वहीं अब सार्क के आठ सदस्य देशों में से चार (पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश)भारत के साथ सीमा साझा कर रहे हैं। 
3. सार्क के किसी और देश की स्थिति ऐसी नहीं है और यही बात हमें कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती है।

saarc

 

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download