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In unprecedented move supreme court may allow trial through audio video. This will be mark shift
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Supreme court एक अहम फैसला करने वाला है| शीर्ष अदालत ज़ल्द ही उस प्रस्ताव पर सहमति दे सकती है जिसके तहत सभी मामलों की सुनवाई की वीडियो के साथ ऑडियो रिकॉर्डिंग भी कराना प्रस्तावित है. अभी शीर्ष अदालत ने ही इस पर रोक लगा रखी थी.
- supreme court का फैसला सभी उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों पर लागू होगा. यानी सिर्फ शीर्ष अदालत ही नहीं बल्कि सभी 24 उच्च न्यायालयों और ट्रायल कोर्टों में भी तमाम मामलों की सुनवाई की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग (video recordings) कराई जाएगी. सूत्रों के मुताबिक इस सिलसिले में शीर्ष अदालत ने सभी उच्च न्यायालयों को जल्द से जल्द सभी कोर्ट रूमों में सीसीटीवी (क्लोज सर्किट टेलीविजन) कैमरे लगाने का आदेश दे दिया है.
- जस्टिस एके गोयल और यूयू ललित की बेंच ने भी सोमवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान इस आशय के संकेत दिए.
- जजों ने कहा, ‘अन्य कई देशों की अदालतों में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था है. यह न्यायाधीशों की निज़ता का मामला नहीं है.’ ग़ौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट विभिन्न अदालतों में मामलों की सुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए तैयार हो गया था. लेकिन ऑडियाे रिकॉर्डिंग पर सहमति नहीं दी थी.
बहरहाल अब शीर्ष अदालत ने वीडियो के साथ ऑडियो रिकॉर्डिंग को मंज़ूरी देने का भी मन बना लिया है.
Argument for:
इसके पक्ष में तर्क यह है कि इससे न्याय प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी. यहां बताते चलें कि अमेरिका जैसे कई देशों में अदालती कार्रवाई की इसी तरह पूरी रिकॉर्डिंग करने की व्यवस्था है. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की रिकॉर्डिंग तो सोशल मीडिया पर भी उपलब्ध कराई जाती है. इसे कोई भी आसानी से देख सकता है