पाक पर सख्त अमेरिका

#नवभारत टाइम्स

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वित्त वर्ष 2017-18 के लिए अमेरिकी रक्षा नीति में तीन संशोधन पारित हुए हैं। इनमें से एक के जरिए पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है कि वह आतंकवाद को संरक्षण देना तुरंत बंद करे नहीं तो उसे दी जाने वाली सैनिक मदद को कर्ज में बदल दिया जाएगा। अमेरिका पिछले साल से ही पाकिस्तान को कह रहा था कि वह आतंकवाद और कबाइली इलाकों से अफगानिस्तान में चलने वाले हक्कानी नेटवर्क को सपॉर्ट करना बंद करे, वरना सारी मदद रोक दी जाएगी। नई रक्षा नीति में इसे रोकने की पूरी व्यवस्था कर दी गई है।

मेरिकी कांग्रेस ने नैशनल डिफेंस अथॉराइजेशन ऐक्ट-2018 पास किया, जिसमें पारित तीन संशोधनों में से एक के तहत अमेरिका के रक्षामंत्री को यह साबित करना होगा कि पाकिस्तान अमेरिकी फौज के साजो-सामान की सप्लाई वाले रास्ते पर पूरी सुरक्षा बनाए हुए है। यह भी कि पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने में पूरी तरह से गंभीर है। प्रस्ताव तो यह भी है कि जब तक इन सारी बातों की पुष्टि हो, तब तक पाकिस्तान को फंड जारी ही किया जाए। एक अन्य संशोधन में कहा गया है कि अमेरिका को ओसामा बिन लादेन का पता बताने वाले डॉ. शकील अफरीदी एक इंटरनेशनल हीरो हैं और पाकिस्तान उन्हें तुरंत जेल से रिहा करे।

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इसके विपरीत इसी रक्षा नीति में भारत के साथ अमेरिका का सहयोग और भी बढ़ाए जाने पर मुहर लगाई गई है। इन संशोधनों से इतना तो साफ है कि दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन पूरा ही बदल चुका है। पाकिस्तान अपने साथ अमेरिका की बढ़ती दूरियों की भरपाई चीन के समर्थन के बल पर कर लेना चाहता है, लेकिन अमेरिका की तरह चीन के साथ उसके रिश्ते कभी फ्री लंच वाले हो ही नहीं सकते। हां, अमेरिका से भारत की यह शिकायत जरूर रहेगी कि पाकिस्तान में आतंकवाद के नाम पर हमेशा उसे हक्कानी नेटवर्क ही नजर आता है। ऐसी ही सख्ती अगर वह पाकिस्तान में अड्डा बनाकर भारत में दहशतगर्दी फैला रहे संगठनों के खिलाफ भी दिखाता तो अबतक दक्षिणी एशिया का रणनीतिक परिदृश्य ही बदल गया होता।

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