- राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) को जेल में कैद बंदियों को कानूनी सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई है।
- भारतीय विधि संस्थान में आयोजित सम्मेलन में एनएएलएसए ने जेल बंदियों को निशुल्क कानूनी सेवाएं देने के लिए वेब एप्लीकेशन लांच और एनआईसी के माध्यम से विकसित कानूनी सेवा प्रबंधन प्रणाली लांच किया।
- वेब एप्लीकेशन के माध्यम से राज्य कानूनी सेवा प्राधिकार तथा जिला कानूनी सेवा प्राधिकार अपने – अपने क्षेत्राधिकार के जेलों में प्रत्येक बंदी के लिए डाटा भरेंगे ताकि अदालत में वकील के जरिये उनका प्रतिनिधित्व किया जा सके
- । यह साफ्टवेयर अपनी रिपोर्ट में कैदियों की कुल संख्या, बिना वकील वाले कैदियों की कुल संख्या, कानूनी सेवा अधिवक्ताओं द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए बंदियों की संख्या और अपने निजी वकीलों द्वारा प्रतिनिधित्व कैदियों की संख्या का पता लग जायेगा।
सभी सूचनाएं राज्यवार, जिलेवार, और प्रत्येक जेल के संबंध में उपलब्ध होंगी। रिपोर्ट में कैदी के बंद रहने की अवधि की जानकारी मिलेगी और इससे यह सूचना प्राप्त होगी कि अपराध प्रक्रिया संहिता के सेक्शन 436 (ए) के तहत बंदी जमानत का पात्र है या नहीं।
About NALSA राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा)
नालसा के कार्य
नालसा देश भर में कानूनी सहायता कार्यक्रम और स्कीमें लागू करने के लिए राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण पर दिशानिर्देश जारी करता है।
मुख्य रूप से राज्य कानूनी सहायता प्राधिकरण, जिला कानूनी सहायता प्राधिकरण, तालुक कानूनी सहयता समितियों आदि को निम्नलिखित दे कार्य नियमित आधार पर करते रहने की जिम्मेदारी सौंपी गई है—
- सुपात्र लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करना
- विवादों को सौहार्द्रपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए लोक अदालतों का संचालन करना।
मुफ्त कानूनी सेवाएं
निशुल्क कानूनी सेवाओं में निम्नलिखित शामिल हैं—
- किसी कानूनी कार्यवाही में कोर्ट फीस और देय अन्य सभी प्रभार अदा करना,
- कानूनी कार्यवाही में वकील उपलब्ध कराना,
- कानूनी कार्यवाही में आदेशों आदि की प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करना,
- कानूनी कार्यवाही में अपील और दस्तावेज का अनुवाद और छपाई सहित पेपर बुक तैयार करना।
मुफ्त कानूनी सहायता पाने के पात्रः
- महिलाएं और बच्चे
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सदस्य
- औद्योगिक श्रमिक
- बड़ी आपदाओं, हिंसा, बाढ़, सूखे, भूकंप और औद्योगिक आपदाओं के शिकार लोग
- विकलांग व्यक्ति
- हिरासरत में रखे गए लोग
- ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय 50,000 रुपए से अधिक नहीं है
- बेगार या अवैध मानव व्यापार के शिकार।
नालसा की योजनाएं
कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए नालसा ने निम्नलिखित स्कीमें बनाई हैं:
कानूनी सहायता स्कीम
नालसा ने ऐसे विचाराधीन कैदियों को कानूनी सहायता वकील स्कीम के तहत सहायता देनी शुरू की जो संसाधनों के अभाव अथवा विकलांगता के कारण अपना बचाव नहीं कर सकते और अपना पक्ष रखने के लिए वकील नहीं रख सकते। अब हर मजिस्ट्रेट की अदालत के साथ कानूनी सहायता वकील लगाए तगए हैं जो पुलिस द्वारा पेश किए जाने के दिन से ही, वकील न रख पाने वालों का बचाव करते हैं।
स्थायी और निरंतर लोक अदालत स्कीम
अधिनियम की धारा 19 के तहत देश के सभी जिलों में लोक अदालतें स्थापित करने के लिए एक स्थायी और निरंतर लोक अदालत स्कीम लागू की गई है। इसके तहत अदालत परिसर से दूर निर्धारित स्थानों पर अब तक लोक अदालतें आयोजित होती हैं और जो मामले इनमें नहीं सुलझ पाते, वे अगली लोक अदालतों में ले जाए जाते हैं। इस प्रकार ये अदालतें निरंतर लगती हैं।
सलाह और समाधान स्कीम
नालसा ने एक सलाह और समाधान स्कीम तैयार की है जिसके तहत बातचीत और सुलह सफाई के जरिए मामले निपटाए जाएंगे। इस योजना के अंतर्गत देश के सभी जिलों में न्यायार्थियों को सौहार्द्रपूर्ण ढंग से मामले सुलझाने के लिए समझाया जाएगा। अधिसंख्य जिलों में इस प्रकार के केंद्र खोले जा चुके हैं।
विधिक साक्षरता स्कीम
नालसा ने एक ऐसी रणनीति बनाई है कि संभावित जरूरतमंदों को बुनियादी जानकारी दी जाए ताकि वे अपनी कानूनी अधिकारों को समझ सकें और जरूरत के समय उपयुक्त कार्रवाई करने, अपनी सामाजिक हैसियत बढ़ाने और सामाजिक परिवर्तन लाने में अधिकारों का उपयोग करें।
नालसा कमजोर वर्गों के लोगों को अपने अधिकारों के लिए शिक्षित करने और एडीआर प्रणाली के जरिए अपने विवाद निपटाने के लिए ग्रामीण तथा मलिन क्षेत्रों में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों, तालुक विधिक सेवा समितियों, गैर सराकरी संगठनों आदि के माध्यम से कानूनी सहयात कैंप आयोजित कर रहा है। लोग समाज कल्याण विधायिका, प्रशासनिक कार्यक्रमों और पहल आदि द्वारा शिक्षित होते हैं और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होते हैं और उनसे लाभ उठाते हैं।
नालसा देश के विभिन्न हिस्सों में कानूनी सेवा कार्यक्रमों से जुड़ी बैठकें, सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित कर रहा है। आम आदमी को कानूनी सेवा कार्यक्रमों के विभिन्न पहलुओं के प्रति जागरूक करने के लिए नालसा ने दृश्य-श्रव्य स्पॉट और प्रचार सामग्री तैयार की है। वृत्तचित्र भी तैयार किए गए हैं और भारत सरकार के क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में दिखाए जा रहे हैं।
स्वैच्छिक सामाजिक सेवा संस्थानों का प्रत्यायन
नालसा ने कानूनी शिक्षा, कानूनी जागरूकता और कानूनी सेवाओं के प्रचार के उद्देश्य से स्वैच्छिक संस्थाओं का राष्ट्रीय तंत्र स्थापित करने के लिए स्वैच्छिक सामाजिक सेवा संस्थानों के प्रत्यायन की एक योजना शुरू की है। राज्य स्तर के सभी कानूनी सेवा प्राधिकरण से आग्रह किया गया है कि वे अपने जिलों में ऐसे सामाजिक सेवा संस्थानों की पहचान करें और उन्हें प्रत्यायन प्रदान करें।
यह वेब एप्लीकेशन कानूनी सेवा प्रणाली को और पारदर्शी बनाएगा और कहीं से भी सभी सक्षम पदाधिकारी कैदियों को दी जाने वाली कानूनी सहायता की अनुमति पर नजर रख सकेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अदालत में पेशी के पहले दिन से सभी बंदियों का प्रतिनिधित्व प्राप्त है।
वेब एप्लीकेशन उच्चतम न्यायलय के न्यायाधीश और एनएएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्रा ने लांच किया। इस अवसर पर 18 राज्यों के कानूनी सेवा प्राधिकार के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सदस्य सचिव शामिल हुए। वेब एप्लीकेशन लांच होने के बाद एनआईसीपीटी ने ओरियेंटेशन सत्र का आयोजन किया।