दत्तक ग्रहण विनियमन देश में दत्तक ग्रहण कार्यक्रम को और अधिक मजबूत बनाएगा

 किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 68 (सी) के तहत अधिदेशित 'केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण' (सीएआरए) द्वारा तैयार किया गया दत्तक ग्रहण विनियमन, 2017 को अधिसूचित कर दिया गया है और ये विनियमन 16 जनवरी, 2017 से प्रभावी होंगे। दत्तक ग्रहण विनियमन, 2017 दत्तक ग्रहण दिशा निर्देश की जगह लेंगे।                                          

  • दत्तक ग्रहण विनियमन की रूप रेखा दत्तक ग्रहण एजेंसियों और भावी दत्तक माता पिता (पीएपी) सहित सीएआरए और अन्य हितधारकों के सामने आ रहे मुद्दों और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बनायी गयी है।
  • यह भविष्य में गोद लेने की प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाने के द्वारा देश में गोद लेने के कार्यक्रम को और मजबूत बनाएगा। पारदर्शिता, बच्चों के प्रारंभिक विसंस्थागतकरण, माता-पिता के लिए सुविज्ञ विकल्प, नैतिक प्रथाओं और गोद लेने की प्रक्रिया में सख्ती से परिभाषित समयसीमा दत्तक ग्रहण विनियमन के प्रमुख पहलू हैं।                                                

 दत्तक ग्रहण के विनियमन 2017 की मुख्य विशेषताएं : -                               

(क) विनियमनों में देश के भीतर और विदेशों में रिश्तेदारों द्वारा गोद लेने की प्रक्रिया से संबंधित प्रक्रियाओं को परिभाषित किया गया है।

(ख) गृह अध्ययन रिपोर्ट की वैधता दो साल से बढ़ाकर तीन साल कर दी गई है।
(ग) निर्दिष्ट बच्चे को आरक्षित करने के बाद मिलान और स्वीकृति के लिए घरेलू पीएपी को उपलब्ध समयसीमा को वर्तमान पंद्रह दिनों से बढ़ाकर बीस दिन कर दिया गया है।
(घ) जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) के पास व्यावसायिक रूप से योग्य या प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक पैनल होगा।

( ई ) न्यायालय में दायर किए जाने वाले मॉडल दत्तक ग्रहण आवेदनों समेत विनियमनों से संलग्न 32 अनुसूचियां हैं और यह न्यायालय के आदेश प्राप्त करने में वर्तमान में लगने वाली देरी में काफी हद तक कमी लाएंगी।

साभार : विशनाराम माली 

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