श्रम कानूनों में सुधार

 

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने पिछले तीन वर्षों के दौरान श्रम कानूनों में कई विधायी पहलें की हैं। इन पहलों में शामिल हैं

  • बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 में संशोधन- इसके तहत बोनस के भुगतान की पात्रता सीमा 10,000 रुपए से बढ़ाकर 21,000 रुपये की गई। गणना की सीमा 3,500 रुपये से बढ़कार 7,000 रुपये या न्यूनतम मजदूरी।
  • मजदूरी भुगतान (संशोधन) अधिनियम, 2017- वेतन का भुगतान नकद, चेक या उनके बैंक खाते में सीधे जमा करके।
  • बाल श्रम (निषेध और नियमन) संशोधन अधिनियम, 2016- 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के रोजगार पर पूर्ण प्रतिबंध
  • मातृत्व लाभ संशोधन अधिनियम, 2017- पूरे वेतन के साथ मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया।
  • कर्मचारी क्षतिपूर्ति (संशोधन) अधिनियम- श्रमिकों के अधिकारों को मजबूत करने का प्रयास
  • मंत्रालय ने 21 फरवरी, 2017 को "विभिन्न श्रम कानून नियमों, 2017 के तहत रजिस्टरों को बनाए रखने के लिए अनुपालन की आसानी" को अधिसूचित किया है। 9 सामान्य श्रम कानूनों और नियमों के तहत 56 रजिस्टरों/फॉर्म को कम करके 5 रजिस्टर/फॉर्म।
  • आदर्श दुकान और प्रतिष्ठान (आरई एवं सीएस) विधेयक, 2016- विधेयक एक वर्ष में 365 दिन के लिए एक प्रतिष्ठान को खोलने/समापन समय पर बिना किसी प्रतिबंध के संचालन के लिए स्वतंत्रता प्रदान करता है। यदि पर्याप्त सुरक्षा प्रावधान मौजूद है तो रात की पाली के दौरान महिलाओं के रोजगार को सक्षम बनाता है

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download