राष्ट्रपति के अभिभाषण के कुछ प्रमुख अंश

  • इस वर्ष हम चंपारण सत्याग्रह की शताब्दी मना रहे हैं, जिसने हमारे स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी थीऔर औपनिवेशिक ताकतों से लड़ने के लिए भारत की जनशक्ति को प्रेरित किया था। महात्मा गांधी के सत्याग्रहके आदर्शों ने प्रत्येक भारतीय के मन में अदम्य साहस, आत्मविश्वास और जनहित के लिए बलिदान की भावना भरदी। आज यही जनशक्ति हमारी सबसे बड़ी ताकत है
  • हमारे देशवासियों ने, विशेषकर गरीब तबके के लोगों ने, हाल ही में काले धन के विरुद्ध संघर्ष में असाधारण समुत्थान शक्ति और सहनशीलता का परिचय दिया है। रसोई गैस के मामले में Give it up’ अभियान की सफलता के पीछे भी यही प्रेरक भावना रही है। 1.2 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं ने रसोई गैस सब्सिडी स्वेच्छा से छोड़ी है, जिससे वंचित लोगों को रसोई गैस कनेक्शन मुहैया कराने में बहुत मदद हुई है। इसी ‘जनशक्ति’ ने स्वच्छ भारत मिशन को एक जन आंदोलन में बदल दिया है। 1.4 लाख गांवों, 450 से ज़्यादा शहरों, 77 जिलों तथा 3 राज्यों ने अपने क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया है।
  • गरीब और अब तक जिनको बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं ऐसे लोगों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने के लिए, भारतीय डाक भुगतान बैंक (इंडियन पोस्टल पेमेंट बैंक ) प्रारंभ किया गया है। भारत में डाक नेटवर्क बहुत व्यापक है, जिसमें डेढ़ लाख डाक घर गांव-गांव तक फैले हुए हैं। ये डाक घर पोस्टल बैंक के रूप में भी कार्य करेंगे। बैंकों द्वारा नियुक्त किए एक लाख से अधिक बैंक-मित्रों के साथ-साथ, ढाई लाख ग्राम-डाक-सेवक भी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करेंगे।
  • प्रधान मंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत 2 लाख करोड़ रुपए के 5.6 करोड़ ऋण उपलब्ध कराए गए हैं। इससे जरूरतमंद उद्यमियों को बिना कोई ऋणाधार बैंक से कर्जा मिल सकेगा जिससे छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहन मिलेगा। इस योजना के तहत सत्तर प्रतिशत ऋण का लाभ महिला उद्यमियों ने उठाया है।
  • दीन दयाल अंत्योदय योजना के अंतर्गत महिलाओं, विशेष रूप से वंचित समुदायों की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए चालू वित्त वर्ष में ‘स्वयं सहायता समूहों’ को सोलह हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना में 5 करोड़ महिलाओं तक लाभ शीघ्र पहुंचाने का लक्ष्य है।
  • साफ-सफाई न होने से गरीब घरों की आर्थिक स्थिति और कमजोर होती है। स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य विशेष रूप से गरीबों की स्वास्थ्य और स्वच्छता सुनिश्चित करना है। इस मिशन में 3 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।
  • प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना से गरीबों को स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त हो सकेगी। इस योजना का उद्देश्य स्वच्छ ईंधन—एल.पी.जी. उपलब्ध कराकर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना और उन्हें धुआं भरी रसोई के और ईंधन इकट्ठा करने में लगने वाले समय के दुष्परिणामों से बचाना है। 5 करोड़ गरीब घरों को गैस कनेक्शन नि:शुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में 1.5 करोड़ कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। उल्लेखनीय है कि इनमें से 37 प्रतिशत उज्ज्वला लाभार्थी अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजातियों में से हैं।
  • दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत स्वतंत्रता से अब तक अंधेरे में रह रहे 18,000 गांवों में से 11,000 गांवों में रिकॉर्ड समय में बिजली पहुंचाई गई है। उजाला (उन्नत ज्योति बाइ अफोर्डेबल एलईडी फॉर ऑल) कार्यक्रम के अंतर्गत 20 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब वितरित किए जा चुके हैं, जिससे उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों में दस हजार करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है। इनमें से अधिकांश उपभोक्ता गरीब तबके के हैं।
  • पने देश के प्रत्येक नागरिक के लिए, और विशेष रूप से गरीबों के लिए, स्वास्थ्य सुविधाएं किफायती और सुगम बनाने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। इन्द्रधनुष मिशन ‘‘हर बच्चे को हर जगह’’ निवारणीय बीमारियों से टीकाकरण के लिए प्रतिबद्ध है। इससे अभी तक 55 लाख बच्चों को लाभ दिया जा चुका है। गरीबों को गुणात्मक औषधियां किफायती दामों पर उपलब्ध कराने हेतु प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना का प्रारंभ किया गया है। इंडैमिक जापानी इंसेफ्लाइटिस को नियंत्रित करने के लिए मुहैया कराई गई विशेष सुविधाओं के उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुए हैं और इस बीमारी से होने वाली मृत्युदर में कमी आई है।

किसानो के लिए

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जोखिम कवरेज को विस्तृत किया गया है, बीमा राशि को दो गुना किया गया है और किसानों के लिए प्रीमियम राशि को अब तक के न्यूनतम स्तर पर लाया गया है। 2016 खरीफ फसल की अवधि के दौरान, लगभग 3.66 करोड़ किसानों के लिए, 1.4 लाख करोड़ की राशि का बीमा किया गया।
  • किसान क्रेडिट कार्डों को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से, मौजूदा कार्डों के अलावा तीन करोड़ कार्डों को, जल्द ही रूपे डेबिट कार्डों में बदला जाएगा। नाबार्ड निधि की राशि को दुगुना करके इकतालिस हजार करोड़ किया गया है ताकि सभी किसानों को आसानी से ऋण उपलब्ध हो सके।
  • हर बूंद अधिक फसल तथा ‘‘हर खेत को पानी’’ को ध्यान में रखते हुए प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना का कवरेज बढ़ाया गया है। पिछले दो वर्षों के दौरान 12.7 लाख हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई की व्यवस्था की गई है |

महिलाओं के लिए

  • घटते Child Sex Ratio के समाधान हेतु शुरू की गई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अच्छे परिणामप्राप्त हुए हैं।
  •  लड़कियों के लिए सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने की दृष्टि से सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की गईजिसमें एक करोड़ से भी अधिक खाते खोले गए और 11 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि जमा हुई है।
  • प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सभी गर्भवती महिलाओं को सक्षम चिकित्सा परिचरों द्वारा ante-natal care की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। मातृत्व सुविधा अधिनियम में संशोधन और प्रसूति अवकाश अवधिको 12 सप्ताह से 26 सप्ताह तक बढ़ाने से गर्भवती महिलाओं को कार्य स्थल पर सहायता मिलेगी।

युवा वर्ग

  • आज हमारी 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। हमारे युवा हमारी सबसे बड़ी शक्ति है तथा युवा ऊर्जा का प्रभावी उपयोग आवश्यक है। सरकार ने ‘हर हाथ को हुनर’ के उद्देश्य से, युवकों को कुशल बनाने और उन्हें बेहतर रोजगार के योग्य बनाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। पूर्व में 21 मंत्रालयों और 50 विभागों में फैले कौशल विकास कार्य को एक ही मंत्रालय के अधीन लाया गया है।
  • अगले चार वर्षों में एक करोड़ युवकों को प्रशिक्षित करने के लिए बारह हजार करोड़ के बजट परिव्ययन के साथ प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना में 20 लाख से अधिक युवक पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं। 10 हजार करोड़ रुपए के बजट परिव्यय के साथ राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना आरंभ की गई है। देशभर में फैले हुए 978 रोजगार कार्यालय राष्ट्रीय कैरियर सेवा पोर्टल में एकीकृत किए गए हैं।
  • पहली बार, ब्रिज पाठ्यक्रमों के माध्यम से, आईटीआई प्रशिक्षार्थियों को मैट्रिक और हायर सेकेंडरी स्तर पर अकादमिक बराबरी प्रदान की गई है ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। युवकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से 50 भारतीय अंतरराष्ट्रीय कौशल केंद्रों का राष्ट्रव्यापी नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है। सात लाख विद्यार्थियों के लिए उद्यम में शिक्षण और प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रधान मंत्री युवा योजना आरंभ की गई है

श्रमिकों के लिए

  • सरकार ने श्रमिक कल्याण के लिए कई उपाय किए हैं। कृषि और कृषि से भिन्न क्षेत्रों में न्यूनतम मजदूरी में पहली बार 42 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
  • बोनस के कवरेज के लिए, गणना की अधिकतम सीमा दोगुनी करके सात हजार रुपए की गई है और बोनस के लिए पात्रता की सीमा दस हजार रुपए से बढ़ाकर इक्कीस हजार रुपए की गई है। इसका सीधा लाभ 55 लाख अतिरिक्त कामगारों को मिलेगा। यूनिवर्सल अकाउंट नंबर से कर्मचारी भविष्य निधि खातों का अंतरण सुनिश्चित हुआ है और उससे करोड़ों कामगारों के हितों की रक्षा हुई है।

वंचित और कमजोर वर्ग के लिए

  • स्टेंड-अप इंडिया पहल के माध्यम से, ढाई लाख से अधिक अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिला उद्यमियों को सशक्त बनाया जाए। उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति हब बनाया गया जिसके लिए 490 करोड़ रुपए का प्रारम्भिक आबंटन किया गया है।
  • वन अधिकार अधिनियम के तहत, 55.4 लाख एकड़ वन भूमि के क्षेत्रफल में 16.5 लाख व्यक्तिगत वन अधिकार स्वामित्व प्रदान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, लगभग 47 लाख एकड़ वन भूमि क्षेत्रफल पर सामुदायिक वन अधिकार स्वामित्व प्रदान किए गए हैं।
  • हमारे देश की खनिज संपदा अधिकांशत: जनजातीय आबादी (अधिवास) वाले क्षेत्रों में है। प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना से जहां एक ओर सतत खनन कार्य के प्रयोजन की पूर्ति होगी वहीं खनन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों और गरीब निवासियों के जीवन में सुधार के लिए स्थानीय क्षेत्र का विकास भी होगा। इस दिशा में जिला खनिज फाउन्डेशन की स्थापना एक नवीन पहल है।
  • सरकार ने जनजातीय उप-योजना के तहत आबंटन बढ़ाया है। वनबंधु कल्याण योजना के अंतर्गत जनजातीय लोगों के सशक्तीकरण के लिए, चौदह क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन (ग्रामीण-शहरी) मिशन के अंतर्गत शामिल 300 जन-समुदायों में से 100 जन-समुदायों का विकास जनजातीय क्षेत्रों में किया जाएगा।

दिव्यांगजनों के लिए

  • सुगम्य भारत अभियान- से दिव्यांगजनों के सार्वजनिक स्थानों पर आने-जाने में सुगमता हुई है। दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 में वाणी और भाषा संबंधी अशक्तता तथा विशिष्ट शिक्षण संबंधी अशक्तता को पहली बार शामिल किया गया है।
  • पूरे देश के लिए एक समान संकेत भाषा का विकास किया जा रहा है। आटिज्म, सेरिब्रल पाल्सी, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टीपल डिसएबिलिटी से प्रभावित दिव्यांगजनों के लिए निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत एक लाख रुपए तक की स्वास्थ्य बीमा योजना का प्रावधान किया गया है
  • सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजन के लिए आरक्षण को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने के साथ-साथ मेरी सरकार ने बैकलॉग रिक्तियों को भरने का काम भी तेज कर दिया है। मई, 2014 से अब तक पूरे देश में आयोजित 4700 विशेष सहायता शिविरों में 6 लाख से अधिक दिव्यांगजन लाभान्वित हुए हैं।

पूर्वोत्तर के विकास के लिए

  • सभी क्षेत्रों का संतुलित और न्यायसंगत विकास भारत की प्रगति के लिए महत्त्वपूर्ण है। अपनी सक्रिय ‘एक्ट ईस्ट’ पॉलिसी के तहत, सरकार द्वारा सड़क, रेल, वायुमार्ग, दूरसंचार, विद्युत और जलमार्गों का विकास करके देश के अन्य भागों से दूर पूर्व और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया गया है
  • सरकार ने दो हजार पांच सौ किलोमीटर लंबी जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना के निष्पादन के साथ प्रधान मंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना शुरू की है। बारह हजार पांच सौ करोड़ रुपए के निवेश वाली यह परियोजना पांच राज्यों के 40 जिलों और 2600 गांवों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगी। इस परियोजना द्वारा तीन बड़ी उर्वरक इकाइयां फिर से शुरू होंगी, 20 से अधिक शहरों का औद्योगिकीकरण होगा तथा 7 शहरों में सिटी गैस नेटवर्क का विकास होगा।
  • सरकार उत्तर-पूर्वी राज्यों को अष्टलक्ष्मी के रूप में देखती है जो भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। उत्तर-पूर्वी क्षेत्र, दक्षिण-पूर्वी एशिया का प्रवेश द्वार है। हम सड़क-रेल मार्ग से अपने पड़ोसी देशों को जोड़ रहे हैं ताकि इस क्षेत्र के तेजी से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सके।
  • उत्तर-पूर्वी राज्यों को निरंतर सहायता और उनका विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उत्तर-पूर्वी राज्यों को दी जाने वाली सहायता के पैटर्न में विशेष व्यवस्था जारी रखी गई है और इन राज्यों की कोर-सेंट्रल स्कीमों के लिए 90:10 के अनुपात से तथा नॉन-कोर सेंट्रल स्कीमों के लिए 80:20 के अनुपात से सहायता प्रदान की जा रही है।
  • इस वर्ष के अंत तक उत्तर-पूर्वी राज्यों में स्थित सभी मीटर-गेज पटरियों को ब्रॉड-गेज में बदल दिया जाएगा। रेलवे ने इस क्षेत्र में लगभग दस हजार करोड़ रुपए की लागत से बड़े पैमाने पर विस्तार कार्य शुरू कर दिया है। अरुणाचल प्रदेश तथा मेघालय को रेल मानचित्र में शामिल कर लिया गया है एवं त्रिपुरा में अगरतला को ब्रॉड-गेज लाइन के जरिए जोड़ दिया गया है।

अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का  सृजन 

  • हाइवे से लेकर आई-वे तक; रेलमार्ग से लेकर जलमार्ग तक; समुद्रीपत्तन से हवाई अड्डों तक जल की पाइपलाइनों से लेकर गैस पाइपलाइन तक, भू-विज्ञान से उपग्रहों तक, ग्रामीण आधारभूत संरचना से लेकर स्मार्ट सिटी तक अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के सृजन पर सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया गया है।
  • रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए 1.21 लाख करोड़ रुपए का सर्वाधिक पूंजीगत परिव्यय किया गया है। सरकार का उद्देश्य सभी ग्रामीण बस्तियों को पक्की सड़कों से जोड़ने का है। ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक 73,000 कि.मी. सड़क बनाई गई है। वामपंथी अतिवाद से प्रभावित 44 जिलों में 5,000 कि.मी. से अधिक सड़कों को अपग्रेड किया गया है।
  • राष्ट्रीय नागर विमानन नीति से छोटे नगरों तक वायुयान से कनैक्टिविटी को अत्यधिक गति मिलेगी।
  •  भारत नैट प्रोजेक्ट के अंतर्गत ऑप्टिकल फाइबर केबिल जो मई 2014 तक केवल 59 ग्राम पंचायतों तक पहुंचा था, अब 75,700 से अधिक ग्राम पंचायतों तक पहुंच चुका है।
  • भारत ने 8 ऑपरेशनल मिशन लॉन्च किए हैं, जिनमें मौसम-विज्ञान, नौवहन, पृथ्वी-प्रेक्षण और संचार-उपग्रह शामिल हैं। इसरो ने भारतीय क्षेत्रीय नौवहन-उपग्रह-प्रणाली नाविक के सात उपग्रहों के समूह को पूर्ण किया है। इसरो ने इस वर्ष एक साथ 20 उपग्रहों को एकल प्रक्षेपण के जरिए अंतरिक्ष में भेजा है जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।
  • सरकार समुद्री संपदा का इष्टतम उपयोग कर सागर-आधारित विकास को नई गति प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। पत्तन-आधारित विकास पर आधारित सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत, आगामी तीन वर्ष में तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक की लागत की कुल 199 परियोजनाएं कार्यान्वयन के लिए चिह्नित की गई हैं। इनमें से एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं पहले ही कार्यान्वित की जा रही हैं। भारतीय प्रायद्वीप से संबद्ध सागर में हमारे एक हजार तीन सौ बयासी द्वीप हैं, जिनमें से शुरुआत में 26 को एकीकृत विकास के लिए चुना गया है। नीली (समुद्री) अर्थव्यवस्था पर हम विशेष रूप से ध्यान देंगे और इसमें भी मत्स्य-पालन के सतत विकास पर हमारा विशेष जोर रहेगा।

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download