* वैकल्पिक ट्रेन सुविधा योजना (विकल्प)*

- वैकल्पिक ट्रेन सुविधा योजना (एटीएएस) की परिकल्पना के साथ-साथ इसका शुभारंभ नवंबर, 2015 में ‘विकल्प’ नाम के तहत किया गया था। इसके तहत प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को एक वैकल्पिक सुविधा दी गई जिसके तहत वे समान रूट पर विशिष्ट समयांतर पर चलने वाली किसी अन्य ट्रेन में कन्फर्म टिकट पा सकते हैं।

- आरंभ में यह योजना दिल्ली-जम्मू और दिल्ली-लखनऊ रूटों के लिए लागू की गई, जिसके तहत केवल इंटरनेट के जरिए ई-टिकट की बुकिंग करने वाले यात्रियों को ही मेल/एक्सप्रेस/सुपरफास्ट ट्रेनों में स्थानांतरित करने की सुविधा दी गई।

- ‘विकल्प’ अपनाने वाले प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को चार्ट बन जाने के बाद पीएनआर स्टैटस चेक करना चाहिए। वैकल्पिक सुविधा पाने वाला यात्री अपने मूल टिकट के आधार पर ही वैकल्पिक ट्रेन में सफर कर सकता है। मूल ट्रेन के प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को अगर वैकल्पिक सुविधा दे दी जाती है तो उन्हें मूल ट्रेन से सफर करने की अनुमति नहीं होगी। यदि वे मूल ट्रेन से ही सफर करते पाए गए तो उन्हें बेटिकट मान लिया जाएगा और उसी के अनुसार उनसे चार्ज वसूला जाएगा। कन्फर्म वैकल्पिक सुविधा मिल जाने पर यात्री के रजिस्टर्ड मोबाइल फोन नंबर पर एसएमएस अलर्ट भी आएगा।

- एटीएएस को अपनाने पर वैकल्पिक ट्रेन सुविधा मिल जाने के बाद अगर कोई यात्री अपने टिकट को रद्द कराता है तो उसे कन्फर्म यात्री माना जाएगा और उस पर टिकट निरस्तीकरण के नियम लागू होंगे। जब किसी एटीएएस यात्री को वैकल्पिक सुविधा दे दी जाएगी तो उसके बाद अपनी यात्रा में बदलाव करने की इजाजत उसे नहीं होगी। यदि आवश्यक हुआ तो यात्री को अपना टिकट रद्द कराना होगा और संशोधित यात्रा के लिए नया टिकट लेना होगा। यदि किसी यात्री को वैकल्पिक ट्रेन सुविधा मुहैया करा दी जाती है और उसके बावजूद वह वैकल्पिक ट्रेन से सफर नहीं कर पाता है, तो वह टीडीआर अनुरोध दाखिल करके रिफंड का दावा कर सकता है।

- इस योजना की समीक्षा की गई और अप्रैल, 2016 में पांच और मार्गों पर इसका विस्तार किया गया जिनमें दिल्ली-हावड़ा,दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-चेन्नई, दिल्ली–बेंगलुरू और दिल्ली–सिकंदराबाद रूट शामिल हैं।

- 1 अप्रैल, 2017 से विकल्प/एटीएएस योजना का और विस्तार किया जा रहा है, जिसके तहत किसी ट्रेन के प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों से किराये में अंतर को वसूले अथवा रिफंड किए बगैर ही सभी श्रेणियों की ट्रेनों में स्थानांतरित किया जा सकेगा। अत: इस योजना को अपनाने पर किसी सामान्य मेल/एक्सप्रेस ट्रेन में सफर के लिए टिकट बुक करने वाले यात्री को किसी वैकल्पिक मेल/एक्सप्रेस, राजधानी, हमसफर, दुरंतो, शताब्दी, विशेष ट्रेन अथवा सुविधा ट्रेन में समान श्रेणी में स्थानांतरित किया जा सकेगा।
 
- इस सुविधा से सभी रेलगाड़ियों में बर्थ का अधिकतम उपयोग होने, अपेक्षाकृत ज्यादा यात्रियों को ढोए जाने और प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों के रिफंड में कमी होने की आशा है, जिससे रेलवे की आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
-   विस्तारित विकल्प योजना आरंभ में केवल ई-टिकटों पर ही लागू होगी, लेकिन बाद में इसका विस्तार करके इसे पीआरएस टिकटों पर भी लागू किया जाएगा।

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