भारत उन देशों में शामिल है जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने GDP का बहुत कम हिस्सा खर्च करते हैं। भारत Health Sector पर GDP का सिर्फ 1.16 प्रतिशत हिस्सा खर्च करता है। चीन बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अपने GDP का 3 प्रतिशत और ब्राज़ील 4 प्रतिशत से ज्यादा खर्च करता है।
- World Health Organization के मुताबिक सभी देशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं पर GDP का पांच फीसदी हिस्सा खर्च करना चाहिये।
- 1000 लोगों पर 1 डॉक्टर का Ratio कायम रखने के लिए भारत को 2020 तक 4 लाख डॉक्टरों की जरूरत होगी।
- भारत में 1 हज़ार लोगों पर सिर्फ 1.6 Hospital Beds उपलब्ध हैं यानी एक हज़ार लोगों पर दो से भी कम बेड।
=>भारत में मानवीय विकास का विश्लेषण
- भारत भले ही G20 देशों में, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति और सबसे तेज़ गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था हो....लेकिन G2O के दूसरे सदस्य देशों की तरह, यहां के Living Standards का मुक़ाबला करने के लिए भारत को अभी लंबी दूरी तय करनी है। Human Development Index की रैंकिंग से ये पता चलता है, कि किसी देश में लोगों का जीवन कैसा है ? इसके लिए अपेक्षाएं, शिक्षा और Per Capita Income जैसी बातों का विश्लेषण किया जाता है...
- United Nations Development Programme ने वर्ष 2015 में, जो Global Human Development Index जारी किया था, उसमें भारत दुनिया के 188 देशों की लिस्ट में 130वें स्थान पर था।
Human Development Index तीन मुख्य बातों पर आधारित होता है, पहला आधार है... आयु और स्वस्थ्य जीवन, दूसरा आधार है शिक्षा और ज्ञान की पहुंच और तीसरा आधार है जीवन का स्तर।
- इस लिस्ट में नॉर्वे पहले स्थान पर है...जबकि ऑस्ट्रेलिया दूसरे और न्यूजीलैंड तीसरे स्थान पर है।
- G20 में शामिल 20 देशों की रैंकिंग का विश्लेषण करने पर ये पता चलता है कि Human Development Index में इन बीस देशों में भारत आखिरी नंबर पर है।
★यहां हमें ये बात नहीं भूलनी चाहिए, कि भारत की जनसंख्या काफी ज़्यादा है...और अगर आबादी बड़ी होगी, तो जीवन का स्तर अच्छा नहीं होगा और उसे सुधारने में भी मुश्किलें आएंगी... नई आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने वाले भारत की चुनौतियां ज़रा दूजी किस्म की है.. फिर भी हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द Human Development Index में भी भारत की रैंकिंग सुधरेगी।