अगले दस साल में भारत बन सकता है तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था

If India continues to maintain recent pace of economic growth it could outspace other economic power house and could be third largest economy
भारत अगर अपने आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया को निरंतर बनाये रखता है तो अगले दस वर्षो में वह जापान और जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। 
    एक अध्ययन के मुताबिक इसके लिए यह आवश्यक है कि भारत अपने सुधारों की दिशा सामाजिक क्षेत्र की तरफ बनाये रखे।
    ब्रिटिश ब्रोकरेज एजेंसी एचएसबीसी ने अपने एक ताजा अध्ययन में माना है कि देश में सामाजिक पूंजी का सर्वथा अभाव है। 
    भारत को स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक खर्च की आवश्यकता है। 
    यह केवल देश के अपने लिए ही नहीं बल्कि आर्थिक विकास और राजनीतिक स्थिरता के लिए भी बेहद आवश्यक है। 
    एचएसबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के क्षेत्र में अभी काफी कुछ करने की आवश्यकता है। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दस वर्षो में भारत की अर्थव्यवस्था का आकार जापान और जर्मनी से बढ़ जाएगा। ऐसा होते ही देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। 
    Purchasing power parity के मामले में तो यह और पहले हो सकता है। हालांकि रिपोर्ट में पहले दो स्थानों पर आने वाले देशों का जिक्र नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि भारत से पहले इस सूची में चीन और अमेरिका ही रह जाएंगे।
    HSBC ने माना है कि मुख्य रूप से देश की ताकत भौगोलिक और मैक्रो स्थिरता रहेगी। ब्रोकरेज की रिपोर्ट के मुताबिक 2028 तक भारत की अर्थव्यस्था का आकार सात लाख करोड़ डॉलर का हो जाएगा। 
    जबकि जर्मनी की अर्थव्यवस्था छह लाख करोड़ डालर से कुछ कम और जापान की पांच लाख करोड़ डालर रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2016-17 में भारतीय अर्थव्यवस्था 2.3 लाख करोड़ डालर की थी और इसका दुनिया में पांचवा स्थान था
    जीएसटी के चलते बीते वर्ष के 7.1 फीसद जीडीपी विकास दर के मुकाबले इस वर्ष इसके धीमे रहने की संभावना है। लेकिन अगले वर्ष से इसमें सुधार दिखना शुरू हो जाएगा
    रिपोर्ट के मुताबिक कभी कभी आर्थिक सुधार के कदम उठाना नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए भारत को सतत सुधार की जरूरत है और इसके लिए माहौल और तंत्र विकसित करना आवश्यक है। 
    रिपोर्ट कहती है कि अर्थव्यवस्था में रोजगार की कमी को लेकर काफी चिंता जतायी जा रही है। लेकिन ई-कामर्स सेक्टर की तरफ से अगले एक दशक में 1.2 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा करेगा। साथ ही सामाजिक क्षेत्र रोजगार सृजन में बड़ी भूमिका निभा सकता है। इस क्षेत्र में स्वास्थ्य और शिक्षा में काफी काम होना अभी बाकी है।
    भारतीय अर्थव्यवस्था पर रोशनी डालते हुए रिपोर्ट कहती है कि यह सेवा आधारित अर्थव्यवस्था आगे भी बनी रहेगी। लेकिन सरकार को मैन्यूफैक्चरिंग और कृषि क्षेत्र पर खास ध्यान देने की आवश्यकता है। 
बड़े लक्ष्यों को पाने के लिए यह जरूरी है कि सरकार मैन्यूफैक्चरिंग, कृषि और सेवा क्षेत्र के योगदान के मौजूदा स्तर को बनाये रखा जाए।
 

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