बढ़ता इंटरनेट, अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज

Interent could be growth propeller for India.


#Rajasthan_Patrika
Internet some facts:
    भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट उपयोगकर्ता देश है, भले ही इसकी पहुंच मात्र 40 फीसदी जनता तक ही है। 
    अनुमान है कि इंटरनेट तक पहुंच में हर 10 फीसदी वृद्धि के साथ देश को अपने सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 1 फीसदी तक की बढ़त मिलती है। यानी अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज। हालांकि, बाजार में आई यह वृद्धि काफी हद तक डेटा की कीमत पर भारी छूट और मुफ्त कॉलिंग सेवाओं की वजह से आई है, जिसकी पेशकश बाजार में उतरी एक नई कंपनी की ओर से की गई।
Challenges to Telecom centre
    दूरसंचार सेक्टर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। दूरसंचार कंपनियां 4.6 लाख करोड़ रुपए के कर्ज से संघर्ष कर रही है, जबकि राजस्व 2 लाख करोड़ रुपए तक गिर गया है। 
र्ष 2018 में 5- जी की चर्चा है। दूरसंचार कंपनियों ने 5-जी को लाने की तैयारियां शुरू कर दी है। लगता है कि अगले डेढ़ साल के भीतर संभवत: ये सेवा शुरू भी हो जाएगी। इंटरनेशनल टेलीकॉम यूनियन (आईटीयू) इसके लिए मानक निर्धारित कर रहा है जो वैश्विक स्तर पर लागू होंगे।
ऐसा होने पर, जब उपकरण बड़े पैमाने पर उपलब्ध हो जाएंगे तब भारतीय बाजार के लिए इनकी कीमत भी व्यावहारिक हो पाएगी। ऐसी सेवाएं, जिनके लिए उच्च विश्वसनीयता, वैश्विक कवरेज और बहुत कम विलंबता की आवश्यकता होती है। 5-जी से नेटवर्किंग, कंप्यूटरिंग और भंडारण संसाधनों को एक प्रोग्राम और एकीकृत बुनियादी ढांचे में एकीकृत करना संभव हो जाएगा, जिससे बिखरे हुए संसाधनों का एक अनुकूलित व बहुआयामी उपयोग संभव होगा, वहीं यह फिक्सड, मोबाइल और प्रसारण सेवाओं के मिलन का भी काम करेगा।
देश की प्रमुख दूरसंचार सेवाओं की कंपनियों का प्रतिनिधित्वकर्ता सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने भी मल्टी-स्टेकहोल्डर ‘5जी इंडिया फोरम’ की शुरुआत कर दी है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भारत में भी बाकी दुनिया के साथ ही यह तकनीक आ जाए। संभावनाएं अनंत हैं और इस क्षेत्र में अगली पीढ़ी की सेवाओं को सक्षम किया जा सकता है और समूचे क्षेत्र में उन्नत समाधान लाए जा सकते हैं।
राष्ट्रीय दूरसंचार नीति (एनटीपी) 2018 का भी लक्ष्य भारत को अगले दशक की प्रौद्योगिकी में प्रवेश करवाना है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और ड्राइवरलेस कार सेवाएं भी हकीकत बन सकती है। डिजिटल क्षमता निर्माण, भ्रष्टाचार मुक्त भारत, कैशलेस अर्थव्यवस्था जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के लिए दूरसंचार सेक्टर अपने माध्यम के जरिए देश को आगे ले जाने में योगदान दे रहा है

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