अंतरराज्यीय परिषद का फिर गठन

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सरकार ने बीते अंतरराज्यीय परिषद (Inter State Council ) का पुनर्गठन किया है. इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे. साथ ही, राज्यों के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों को इसके सदस्य के रूप में नामित किया गया है. इनमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और सामाजिक न्याय-आधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत शामिल हैं. इनके अलावा आठ केंद्रीय मंत्रियों को भी स्थायी आमंत्रित सदस्य नियुक्त किया गया है. इनमें सुरेश प्रभु, रामविलास पासवान, प्रकाश जावड़ेकर, धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल शामिल हैं.

सरकार ने परिषद के साथ ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में इसकी स्थायी समिति का भी फिर से गठन किया है. इस समिति में चार केंद्रीय मंत्रियों- सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, नितिन गडकरी और थावर चंद गहलोत - को शामिल किया गया है. साथ ही आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इसके सदस्य नियुक्त किए गए हैं. इससे पहले अक्टूबर, 2016 में समिति का गठन किया गया था.

अतंरराज्यीय परिषद की संवैधानिक स्थिति और कामकाज

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद-263 के तहत अंतरराज्यीय परिषद का गठन किया जाता है. यह परिषद राज्यों के बीच विवादों की जांच करने के साथ इनपर सलाह भी देती है.
  • इसके अलावा केंद्र और राज्यों से जुड़े वैसे मुद्दे जिनमें सभी का समान हित हो, पर भी यह विचार करती है.
  • साथ ही, परिषद समान हित से जुड़े मुद्दों के नीति और कार्यान्वयन में बेहतर तालमेल बैठाने के लिए भी सुझाव देने का काम करती है.
  • केंद्र और राज्य संबंधों पर गठित Sarkaria Ayog  (1983-88) की रिपोर्ट पर सबसे पहले साल 1990 में वीपी सिंह सरकार ने अंतरराज्यीय परिषद का गठन किया था. संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक परिषद किसी कानूनी या गैर- कानूनी विवाद को सुलझा सकती है लेकिन, इसका फैसला अदालत की तरह बाध्यकारी नहीं होता.

अंतरराज्यीय परिषद की स्थायी समिति और सचिवालय

सरकारिया आयोग ने परिषद के तहत एक स्थायी समिति की भी सिफारिश की थी. परिषद के गठन के छह साल बाद 1996 में इस समिति का गठन किया गया था. इससे पहले 1991 में कामकाज में परिषद की मदद करने के लिए इसके सचिवालय की स्थापना की गई थी. सचिवालय का प्रमुख भारत सरकार में सचिव स्तर का अधिकारी होता है.

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