आईएएस की तैयारी नौकरी के साथ या नौकरी के बाद ?

IAS upsc preparation with job or without job. UPSC IAS preparation tips and strategy for working professionals.

=> आईएएस की तैयारी नौकरी के साथ या नौकरी के बाद
- कई मामले ऐसे देखे गए हैं, जिनमें विद्यार्थियों ने ग्रेजुएशन करने के बाद कोई नौकरी शुरू कर दी और फिर आईएएस में जाने का इरादा कर इसकी परीक्षा दी तथा सफलता भी पाई! इससे स्पष्ट है कि इस परीक्षा की तैयारी शुरू करने का कोई 'सही" समय नहीं होता। दरअसल, 'सही समय' से ज्यादा महत्वपूर्ण है आईएएस क्लियर करने के प्रति आपका समर्पण और प्रतिबद्धता। इस समर्पण, प्रतिबद्धता और कठोर परिश्रम के बल पर ही आप आईएएस अधिकारी बनने का अपना सपना साकार कर सकते हैं।

- कई कामकाजी पेशेवर आईएएस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और उनमें से कुछ तो दुनिया से सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक इस परीक्षा में अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से सफल भी हुए हैं। लेकिन जैसा कि वे बताते हैं, बिना किसी योजना के की गई कड़ी मेहनत बिना स्टीयरिंग व्हील की फेरारी के जैसी है। इसलिए यदि आप अपनी नौकरी के साथ आईएएस की परीक्षा में सफल होने की योजना बना रहे हैं तो आपकी योजना कड़ी मेहनत की भांति ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आपकी इस कठिन मकसद को प्राप्त करने में मदद करने के लिए हमने फुल– टाइम जॉब के साथ आईएएस की परीक्षा में सफल होने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स और ट्रिक्स की सूची बनाई है।


1. हर पल महत्वपूर्ण है
आईएएस बनने की इच्छा रखने वाले के लिए उपलब्ध संसाधनों में समय सबसे कीमती और दुर्लभ संसाधन होता है। कामकाजी पेशेवरों के लिए जो दुनिया के सबसे प्रतिस्पर्धी प्रतियोगी परीक्षा में सफल होना चाहते हैं, यह कथन और अधिक सच हो जाता है। इसलिए फुल– टाइम जॉब करने वाले व्यक्ति के लिए उपलब्ध समय का अधिकतम उपयोग करना महत्वपूर्ण है। मानक काम के घंटे के तौर पर यदि शिफ्ट 8 घंटे का मानें तो आईएएस की परीक्षा की तैयारी के लिए आप  3-4 घंटे से अधिक का समय नहीं निकाल पाएंगे। इसलिए एक पूरे दिन में आपको जितना भी समय मिले उसका उपयोग करना महत्वपूर्ण है। सबसे अच्छा तरीका है कि अपने सभी छोटे ब्रेक्स का उपयोग करें और रोज पढ़े जाने वाली चीजें जैसे अखबारों और पत्रिकाओं को भोजनावकाश के दौरान कवर करें। आमतौर पर इन सामग्रियों में दैनिक घटनाओं और हलचल के साथ हल्के विषय होते हैं इसलिए इन्हें पढ़ने के लिए समर्पित अध्ययन समय की जरूरत नहीं होती। यदि आप दिन में पढ़ी गई चीजों पर पर्सनल जरनल या नोट्स बनाते हैं तो भी आपको मदद मिलेगी। दिन के आखिर में नोट्स पर सरसरी निगाह डालने से आपको सभी घटनाओं के बारे में जानकारी मिल जाएगी।


2. मिनटों में पढ़ाई, घंटों में नहीं  
हमने इस बात पर पहले ही चर्चा कर ली है कि कामकाजी पेशेवर के तौर पर आईएएस परीक्षा की तैयारी के लिए आप अलग से समय निकालने में सक्षम नहीं हो पाएंगे। इसलिए आपको अपने अध्ययन सत्रों की योजना बहुत सावधानी से बनानी होगी। सीमित उपलब्ध समय का यह अर्थ भी है कि आपका हर सेकेंड महत्वपूर्ण है और यह अच्छा होगा कि आप घंटों की बजाए मिनटों के आधार पर पढ़ाई की योजना बनाएं। जैसे, यदि आप आधुनिक भारत का इतिहास कवर करना चाहते हैं, आप इसे कुछ छोटे विषयों में तोड़ सकते हैं जैसे–
–   19वीं सदी के विद्रोह और सुधार
–    ब्रिटिशों के प्रभाव का उदय
–    मुगल और मराठा साम्राज्य का पतन
–   भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन
–    क्षेत्रीय राष्ट्रों और अन्य यूरोपीय साम्राज्यों का उदय
अब इन विषयों को भी अन्य छोटे उप– विषयों में वर्गीकृत और कुछ मिनटों में पढ़ा और कवर किया जा सकता है। बड़े विषयों को छोटे छोटे हिस्सों में बांटने से न सिर्फ आपको समय को प्रबंधित करने में मदद मिलेगी बल्कि यह आपको पढ़ने और समय के साथ अधिक जानकारी प्राप्त करने में भी मदद करेगा।  


3. अपने ऑफिस के करीब (समीप,नजदीक) घर रखें
वास्तव में यह बहुत अच्छी सलाह नहीं है लेकिन निश्चित रूप से व्यावहारिक है क्योंकि इससे आपको आईएएस की तैयारी के लिए अधिक समय मिल जाएगा। काम करने के स्थान यानि ऑफिस के पास घर रखने से आपके ऑफिस आने– जाने में लगने वाला समय बचेगा जिसका उपयोग आप आईएएस परीक्षा के लिए पढ़ाई में कर सकेंगे। एक और फायदा यह होगा कि इससे आपको थकान भी कम होगी। यदि आप घर वापस आने के बाद थकान कम महसूस करेंगे तो आईएएस की पढ़ाई पर फोकस कर पाएंगे जिससे यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में आपको अच्छा करने में मदद मिलेगी।


4. यात्रा के दौरान पढ़ने से बचें
आईएएस की तैयारी के लिए अपने अध्ययन समय को अधिकतम उपयोग करने के लिए छात्र अक्सर ऑफिस आने– जाने के दौरान पढ़ाई करने लगते हैं। सभी कामकाजी आईएएस अभ्यर्थियों द्वारा की जाने वाली यह आम गलती है। सबसे पहले तो यह लगता है कि ऐसा करने से आप अपने पास उपलब्ध सीमित समय का अधिकतम उपयोग कर रहे हैं लेकिन बस या ट्रेन में सफर के दौरान पढ़ने से आपकी आंखों पर बहुत जोर पड़ता है। लगतार गति में रहने, झटकों, शोर और आपके आस–पास की भीड़ से न सिर्फ एकाग्र होना मुश्किल हो जाता है बल्कि एक पंक्ति को पढ़ने के लिए आपकी आंखों और मस्तिष्क को भी ज्यादा समय लगता है। वाहन में चलते समय पढ़ने से घर पहुंचते– पहुंचते आपकी आंखें थक चुकी होंगी और आईएएस की तैयारी के लिए जो समय आपने अलग से रखा है, उस समय में आप पढ़ नहीं पाएंगे। इसलिए यात्रा के दौरान आप पसंदीदा संगीत सुन सकते हैं या छोटी सी नींद ले सकते हैं ताकि जब आप घर पहुंचे तब तरोताजा महसूस करें और अपनी किताबों पर ध्यान लगा सकें।


5. इंटरनेट पर निर्भरता -
बात जब आईएएस की तैयारी की हो तो इंटरनेट निश्चित रूप से आपका सहयोगी बन जाता है। लेकिन यदि आप मेहनत नहीं करते तो यह आपका सबसे बड़ा दुश्मन भी हो सकता है। ज्यादातर मामलों में इंटरनेट पर इस्तेमाल होने वाले रूप में शब्दों का ‘मुंहजबानी’ याद होना बहुतों  के लिए लाभदायक हो सकता है लेकिन आईएएस की तैयारी में सिलेबस में आने वाले सभी विषयों के लिए  फोकस्ड अप्रोच की जरूरत होती है। इसमें करेंट अफेयर्स और सामान्य ज्ञान (जीके) भी शामिल है। इसलिए आपके स्मार्टफोन पर खबर पढ़ना या संपादकीय पढ़ना बहुत अच्छा सुनाई दे सकता है लेकिन आईएएस की तैयारी के लिए सबसे अच्छा नहीं हो सकता। इंटरनेट के साथ, आप जिस प्रकार की पढ़ाई करने चा रहे हैं उस पर से मुख्य फोकस हटने का खतरा हमेशा बना रहता है। चाहे वह नवीनतम मीमी (meme) हो, एक वायरल वीडियो या मजेदार ट्विट, ऐसा लगता है कि वह आपका कुछ सेकेंड ही तो ले रहा है लेकिन ये कुछ सेकेंड ही मिलकर घंटों में बदल जाते हैं और बाद में आपके पास पछताने के सिवा कुछ नहीं रह जाता।


दूसरी तरफ, अखबार और पत्रिकाएं विस्तृत संपादकीय प्रक्रिया से गुजरती हैं और उनमें सिर्फ सार्थक और महत्वपूर्ण लेख और कहानियां ही प्रकाशित की जाती हैं। वास्तव में हिन्दू जैसे अखबार और योजना या ईपीडब्ल्यू जैसी पत्रिकाएं इन्हीं कारणों की वजह से आईएएस अभ्यर्थियों के बीच अच्छी पैठ बना चुकी हैं।


6. सेलेक्टेड स्टडी का विकल्प चुनें
हमने समय की सीमित उपलब्धता पर पहले ही काफी जोर दिया है और जब बात कामकाजी पेशेवरों के आईएएस की तैयारी की आती है तो कम समय में तैयारी करना वाकई बहुत मुश्किल हो जाता है। एक तरीका है जिससे आप इस खामी को खूबी में बदल सकते हैं– चुनींदा अध्ययन कर। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का सिलेबस बहुत जटिल है और पूरा समय लगाकर आईएएस की तैयारी में जुटे छात्रों को भी सिलेबस को पूरा कवर करने में मुश्किल होती है। इसलिए, चुनींदा अध्ययन करना आपके लिए बुद्धिमत्तापूर्ण होगा। चुनींदा अध्ययन का मतलब है, आईएएस के पूरे सिलेबस का विश्लेषण करना। इस तरह आप कठिनाई के स्तर के अनुसार विषयों की सूची तैयार कर सकते हैं और सिर्फ उन विषयों पर जो आईएएस की परीक्षा पास करने में मदद कर सकते हैं, पर फोकस कर सकते हैं। ऐसे कुछ विषय होगें जिनकी तैयारी में सबसे अधिक समय लगा कर भी आप मुश्किल से उसे समझ पाएंगें। ऐसे विषयों पर समय बर्बाद करने की बजाय, समझदारी इसी में होगी कि आप अपना कीमती समय उन विषयों की तैयारी में लगाएं जिनमें आप अच्छे हैं।


7. अपनी नौकरी को अवसर के रूप में देखें, दायित्व के रूप में नहीं
आईएएस की तैयारी कर रहे कामकाजी पेशेवर के तौर पर सबसे बड़ी गलती जो आप कर सकते हैं वह यह है कि आप अपनी नौकरी को दायित्व (आर्थिक जिम्मेदारी) समझ सकते हैं। आईएएस अधिकारी बनने के लक्ष्य में आपकी फुल– टाइम या पार्ट–टाइम नौकरी सबसे बडा सहायक है। आपके वेतन के रूप में आपकी नौकरी आईएएस की तैयारी के लिए वित्तीय रूप से आपकी मदद करेगा, यह दूसरों के लिए संभव नहीं होगा। इसके अलावा, नौकरी का बैकअप विकल्प भी आपको नौकरी के लिए आईएएस परीक्षा में पास होने पर पूरी तरह से निर्भर होने वालों के मुकाबले मानसिक तनाव को कम करेगा।   
यह भी देखा गया है कि आईएएस परीक्षा के साक्षात्कार चरण के दौरान, साक्षात्कार पैनल 25 वर्ष से अधिक उम्र के उम्मीदवारों के नौकरी में होने और भारत के जीडीपी में योगदान करने की उम्मीद करता है। वास्तव में बीते वर्षों में अलघ, होता, एआरसी II आदि कई समितियों ने इसी कारण से यूपीएससी सीएसई की आयु सीमा में कटौती करने का सुझाव दिया था। सीधे शब्दों में कहें तो इसका अर्थ है कामकाजी पेशेवर होने के नाते साक्षात्कार में आपको अतिरिक्त अंक मिलेंगे। वित्तीय स्थिरता के अलावा अपने कार्यानुभव और देश की सेवा करने के उत्साह का हमेशा धन्यवाद करें।


8. होशियार बनें (स्मार्ट अध्ययन करें )
आईएएस परीक्षा की तैयारी करने वाले कामकाजी पेशेवरों के लिए एक और बहुत महत्वपूर्ण पहलू है अपनी प्रतियोगिता को समझना। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को दुनिया के सबसे प्रतिस्पर्धी परीक्षा माना जाता है। हालांकि पहली नजर में आपकी प्रतियोगिता कठिन दिखाई दे सकती है। ध्यान देने की बात है कि आईएएस के कुल अभ्यर्थियों में से सिर्फ  30% ही गंभीरता से परीक्षा की तैयारी करते है। इन 30% गंभीर अभ्यर्थियों में से भी कई अभ्यर्थी ‘सुरक्षित– सेफ’ विषयों को चुन कर पहले से परीक्षित और परखे जा चुके रास्ते पर चलते हैं और परीक्षा में सफल होने के लिए सामान्य तकनीकों एवं तरीकों का विकल्प चुनते हैं। यदि आप उनसे आगे निकलना चाहते हैं और विजेता के तौर पर सामने आना चाहते हैं तथा बात जब आईएएस की तैयारी की हो तो आपको उन्हें होशियारी से हराना होगा। इसका मतलब है कि मजबूत ज्ञान आधार के साथ आईएएस की मुख्य परीक्षा के लिए सही वैकल्पि विषयों का चयन, अपने लेखन कौशल एवं व्यक्तित्व पर मेहनत करना।


याद रखें यूपीएससी ऐसे विजेताओं की तलाश करता है जो देश का कुशल संचालन कर सकें। इसलिए यह आपका काम है कि आप साबित करें कि इस नौकरी के लिए आप बिल्कुल सही उम्मीदवार हैं। यदि आपको लगता है कि हमसे कोई अन्य महत्वपूर्ण टिप्स छूट गया है जो कामकाजी पेशेवरों को आईएएस की परीक्षा में सफलता दिला सकता है, तो नीचे दिए गए सेक्शन में अपनी टिप्पणी लिखें।

 

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