भारत और जर्मनी ने ‘पर्यावरण अनुकूल शहरी गतिशीलता III’ परियोजना के लिए ऋण के रूप में वित्तीय सहायता के लिए 200 मिलियन यूरो तक की राशि और चार परियोजनाओं के लिए अनुदान के रूप में 11 मिलियन यूरो के संलग्न उपायों को औपचारिक रूप देने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
भारत-जर्मन द्विपक्षीय विकास सहयोग के अंतर्गत दोनों देशों के बीच निम्नलिखित ऋण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए:-
- ‘’समुदाय आधारित सतत वन प्रबंधन- घटक I मणिपुर’’ के लिए 15 मिलियन यूरो के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस परियोजना का विस्तृत उद्देश्य जल ग्रहण वाले ऊपरी क्षेत्रों में नष्ट हो चुके जंगलों को बहाल करना, छोड़े गए कृषि क्षेत्रों में भूमि सुधार, जैव विविधता संरक्षण, जल संसाधन संरक्षण और परियोजना वाले क्षेत्र में वनों पर निर्भर ग्रामीण जनजातीय लोगों की आजीविका में सुधार करना है।
- ‘’ मध्य प्रदेश शहरी स्वच्छता और पर्यावरण कार्यक्रम’’ परियोजना के लिए कम ब्याज दर पर 50 मिलियन यूरो के ऋण और 2.5 मिलियन यूरो के अनुदान का समझौता किया गया। इस परियोजना का विस्तृत उद्देश्य मध्य प्रदेश के कुछ चुने हुए क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति, स्वच्छता और सीवरेज शोधन संयंत्र की सुविधा में सुधार और कुछ शहरों में ठोस और तरल कचरा प्रबंधन और उसके निपटारे की प्रणाली में सुधार, बाढ़ के पानी को कम करने के लिए जमीनी निकासी प्रणाली में सुधार करना है।
- ‘’ निरंतर शहरी बुनियादी ढांचा विकास ओडिशा-चरण II’’ परियोजना के लिए कम ब्याज दर पर 55 मिलियन यूरो के ऋण और 2 मिलियन यूरो के अनुदान का समझौता किया गया। इस परियोजना का मूल उद्देश्य शहरी बुनियादी ढांचे को सरकार की प्राथमिकताओं से जोड़कर उनमें सुधार करना है। परियोजना का विस्तृत उद्देश्य ओडिशा में शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार करना और लोगों को बेहतर जीवन प्रदान करना है।
- ‘’महाराष्ट्र में हरित ऊर्जा गलियारा- अंतरराज्यीय पारेषण प्रणाली’’ परियोजना के लिए कम ब्याज दर पर 12 मिलियन यूरो के ऋण का समझौता किया गया। परियोजना का विस्तृत उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा ले जाने के लिए पारेषण प्रणाली स्थापित करना है।