केन्द्रीय सतर्कता आयोग 25 संगठनों की एकीकृत सूचकांक बनायेगा 

the Central Vigilance Commission (CVC) believes that the next level of systemic change can be through the tool of Integrity Index. The CVC has therefore decided to go in for development of the Integrity Index-based on bench-marking of internal processes and controls within an organisation as well as management of relationships and expectations of outside stakeholders.


रक्षात्‍मक सतर्कता पर व्‍यापक रणनीति बनाने और इसपर विशेष ध्‍यान देने के संदर्भ में  केन्‍द्रीय सतर्कता आयोग (सीबीसी) का मत है कि प्रणालीगत परिवर्तन का अलग स्‍तर एकीकृत सूचकांक  के साधन के माध्‍यम से होगा। इसलिए केन्‍द्रीय सतर्कता आयोग ने संगठन के अंदर आंतरिक प्रक्रिया और नियंत्रणों सहित बाहरी भागीदारों की अपेक्षाओं और संबंधों के प्रबंधन के आधार पर एक एकीकृत सूचकांक  तैयार करने का निर्णय किया है।  
इस एकीकृत सूचकांक  में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सरकारी बैंकों और वित्‍तीय संगठनों /विभागों /भारत सरकार के मंत्रालयों के वार्षिक स्‍कोर /रैंक शामिल किये जायेंगे। यह कार्य सार्वजनिक संगठनों की दीर्घकालिक दक्षता, लाभ देयता और स्थिरता के साथ सतर्कता के महत्वपूर्ण चालकों एवं सार्वजनिक संगठनों में आंतरिक और बाहरी पर्यावरण के अनुकूल कार्य प्रणाली को बढ़ावा देने की प्रणाली को सम्‍बद्ध करने के द्वारा किया जाएगा।
एकीकृत सूचकांक  तैयार करने के लिए सीवीसी ने एक अनुसंधान आधारित विचारधारा अपनाई है जिसमें विभिन्‍न संगठन स्‍वयं अपनी जांच कर सकते हैं और बदलती आवश्‍यकताओं के अनुरूप अपना विकास कर सकते हैं। इसी विचार के साथ आईआईएम अहमदाबाद ऐसी एकीकृत सूचकांक  बनाने का कार्य कर रहा है। नई पहल होने के कारण एकीकृत सूचकांक  बनाने के लिए (संलग्‍न सूचकांक  के अनुसार) आरंभ में 25 संगठनों का चयन किया गया है। बाद में एकीकृत सूचकांक  को बढ़ाकर भारत सरकार के सभी संगठनों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को इसमें शामिल किया जाएगा। सभी 25 संगठनों के प्रबंधनों को एकीकृत सूचकांक  बनाने के कार्य में शामिल किया गया है।
एकीकृत सूचकांक  बनाने के मुख्‍य उद्देश्‍य इस प्रकार हैं –
    सार्वजनिक संगठनों के एकीकरण को परिभाषित करना
    एकीकरण के विभिन्‍न घटकों और उनके अंत: संबंधों को परिभाषित करना
    उपर्युक्‍त तथ्‍यों के अनुरूप संगठनों के कार्य निष्‍पादन की जांच के लिए एक उद्देश्‍य एवं विश्‍वसनीय साधन बनाना
    एकीकरण की जांच के लिए साधन को और उन्‍नत बनाने के लिए एक अवधि के उपरांत निष्‍कर्षों की पुष्टि करना
    एकीकरण के साथ कार्य को बढ़ावा देने वाला ऐसा आंतरिक और बाहरी पारिस्थितिकी तंत्र बनाना जिसके अनुसार सार्वजनिक संगठन कार्य कर सके

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