वैज्ञानिकों द्वारा प्रयोगशाला में अंडाणु विकसित

मां न बन पाने वाली महिलाओं के लिए यह राहत भरी ख़बर है. इसके मुताबिक़ वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में अंडाणु विकसित करने में कामयाबी हासिल की है. फिलहाल इनका परीक्षण चल रहा है. अगर ये अंडाणु स्वस्थ पाए गए तो ये महिलाओं के बांझपन से मुक़ाबला करने में बड़ा हथियार साबित हो सकते हैं.

  • स्कॉटलैंड और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने यह सफलता हासिल की है. यह प्रयोग कई चरणों में किया गया. सबसे पहले स्कॉटलैंड की वैज्ञानिक एवलिन टेलफ़र और उनके साथियों की टीम ने अंडाशय के ऊतकों से प्रारंभिक कोकून (प्राइमर्डियल फॉलिकल्स) तैयार कर उन्हें थोड़ा विकसित किया. यह 2008 की बात है. फिर 2015 में शिकागो, अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अर्धविकसित कोकून से परिपक्व अंडाणु विकसित किया.
  • इसके बाद टेलफ़र और उनकी टीम से अगले चरण में 10 महिलाओं के अंडाशय से नमूने लिए. उनसे 87 कोकून बनाकर उन्हें पौष्टिक तत्वों के सूप में विकसित होने दिया. फिर उन काेकून ने अपरिपक्व अंडाणु निकालकर उन्हें विशेष तौर पर बनाए गए खोल (मैम्ब्रेन) में विकसित होने के लिए रख दिया. बताया जाता है कि अंतिम चरण के परीक्षण में नौ अंडाणु परिपक्व होकर निकले. लिहाज़ा, अब ये परीक्षण चल रहा है कि कितने स्वस्थ हैं और कितने नहीं

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download