MRI मशीन क्या है और कैसे जान ले सकती है?

मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग स्कैन
    ये रेडिएशन के बजाए मैग्नेटिक फील्ड पर काम करता है. इसलिए एक्स रे और सीटी स्कैन से अलग है.
    पूरे शरीर में जहां जहां हाइड्रोजन होता है, उसके स्पिन यानी घूमने से एक इमेज बनती है."
    शरीर में 70 फीसदी पानी होता है, इसलिए हाइड्रोजन स्पिन के ज़रिए बने इमेज से शरीर की काफी दिक्कतों का पता लगाया जा सकता है.
    दिमाग, घुटने, रीढ़ की हड्डी जैसे शरीर के अलग अलग हिस्सों में जहां कहीं भी सॉफ्ट टिशू होती है उनका अगर एमआरआई स्कैन होता है तो हाइड्रोजन स्पिन से इमेज बनने के बाद ये पता लगाया जाता है कि शरीर के उन हिस्सों में कोई दिक्कत तो नहीं है.
Type of MRI MACHINE
    एमआरआई की मशीन तीन तरह की होती है. 1 टेस्ला. 1.5 टेस्ला और 3 टेस्ला. टेस्ला वो यूनिट है जिसमें मशीन की क्षमता को मापा जाता है.
    3 टेस्ला यूनिट की क्षमता वाली एमआरआई मशीन लोहे की पूरी अलमारी को अपनी ओर खींचने की ताकत रखता है.
    यानी मशीन जितनी ज्यादा टेस्ला वाली होगी, उतना ही ज्यादा होगा उसका मैगनेटिक फील्ड.
 

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