- देश में आर्थिक सुधारों को और तेज गति प्रदान करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने पन्द्रह क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सम्बन्धी नियमों में ढील देने की घोषणा कीI
- केन्द्र सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सम्बन्धी शर्तों में एक बड़ी घोषणा करते हुए 10 नवम्बर को कुल 15 क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment – FDI) शर्तों को नरम कर दिया।
- इसके अलावा परियोजनाओं के लिए विदेशी निवेश सम्वर्द्धन बोर्ड (Foreign Investment Promotion Board – FIPB) की अनुमति के लिए न्यूनतम सीमा को वर्तमान 3,000 करोड़ से बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपए कर दिया। इसका अर्थ हुआ कि अब 5,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं के लिए ही FIPB की अनुमति लेना जरूरी होगा।
- > वे प्रमुख क्षेत्र जिनके लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सम्बन्धी शर्तों में ढील प्रदान की गई है, हैं – प्रतिरक्षा, निर्माण क्षेत्र, नागरिक विमानन, मीडिया, प्रसारण, खनन, बैंकिंग, कृषि तथा सिंगल ब्राण्ड रिटेल।
- सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार अब प्रतिरक्षा उत्पादन क्षेत्र में संलग्न कंपनियाँ अपने स्वामित्व का 49% तक हिस्सा विदेशी कम्पनियों को बगैर सरकार की अनुमति के प्रदान कर सकेंगी।
- वहीं बैंकिंग क्षेत्र में एक्सिस बैंक और कोटक महिन्द्रा बैंक जैसे उपक्रमों को अपनी पूँजी के 74% तक हिस्से को विदेशी निवेशकों को प्रदान करने की अनुमति मिल गई है, हालांकि इस शर्त के साथ कि ऐसे बैंक स्वामित्व तथा प्रबन्धन के नियंत्रण में कोई परिवर्तन नहीं करेंगे।
- इसके अलावा सरकार ने सिंगल ब्राण्ड रिटेल क्षेत्र में मुख्यत: उच्च तकनीकी वर्ग के लिए भारत से उत्पादों के सोर्सिंग सम्बन्धी नियम में रियायत की घोषणा के साथ उन्हें बिना किसी विशिष्ठ अनुमति के ऑनलाइन जरिए से उत्पाद बेचने की अनुमति भी प्रदान कर दी।