- सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसआइआर-सीआरआरआइ) ने शहरी कूड़े के बेहतर निस्तारण के लिए एक अनोखा विकल्प खोज निकाला है। इसके तहत कूड़े-कचरे का इस्तेमाल अब सड़क निर्माण में भी किया जा सकेगा।
- सीआरआरआइ दिल्ली के गाजीपुर लैंड फिल के कूड़े पर शोध कर रहा था। शोध के बाद सीआरआरआइ ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है और इसमें कहा है कि गाजीपुर लैंड फिल का60 फीसद कूड़ा एनएच 24 के निर्माण में प्रयोग किया जा सकता है।
- रिपोर्ट 30 जून तक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंप दी जाएगी। वैज्ञानिकों ने कूड़े के सड़क में इस्तेमाल के स्वरूप, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव व अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए शोध किया।
- इस्तेमाल से पहले इस कूड़े को प्लांट में पृथक (सेग्रीगेट) करना होगा। सीआरआरआइ ने कूड़े को पृथक करने के लिए तरीका (मेथेडोलॉजी) भी तैयार किया है। इस मेथेडोलॉजी का इस्तेमाल कर देश भर में शहरी कूड़े को सड़क निर्माण के इस्तेमाल में लाया जा सकता है। अभी कई शहर कूड़े के बेहतर निस्तारण की समस्या से जूझ रहे हैं।
=>प्लांट में प्लास्टिक को किया जाएगा पृथक : सीआरआरआइ ने जो मेथेडोलॉजी तैयार की है उसके अनुसार एक प्लांट में गाजीपुर लैंड फिल के कूड़े को पृथक किया।
- खासकर कचरे में से प्लास्टिक को अलग किया जाएगा। बड़े प्लास्टिक की मैनुअल तरीके से छंटाई होगी। जबकि छोटे प्लास्टिक ब्लोअर से अलग किए जाएंगे। वैज्ञानिकों के अनुसार प्लास्टिक की वजह से सड़क स्पंजी हो सकती है। ऐसे में प्लास्टिक को पृथक करना बहुत जरूरी है।