आखिर भारत में आतंकी हमले कब तक होते रहेंगे?

क्या हम आतंवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई नहीं कर सकते? 

  • उरी में सेना के जवानों पर आतंकी हमले के बाद पूरे देश के मन में ये सवाल बार बार उठ रहा है कि क्या हम पाकिस्तान और पाकिस्तान में बैठे आतंवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई नहीं कर सकते? क्या हम पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध का ऐलान नहीं कर सकते? क्या हम पाकिस्तान की परमाणु बम की धमकी से हमेशा डरते रहेंगे? क्या हम पाकिस्तान को जवाब देने के लिए सिर्फ कूटनीतिक रास्तों पर ही चलेंगे? लोगों के मन में ये बात भी आती है कि भारत इतना मजबूर क्यों है?
  • कहते हैं कि कूटनीतिक रास्तों पर चलने से मंजिल मिल तो जाती है लेकिन उसमें बहुत वक्त लगता है और अब शायद देश इतना इंतज़ार नहीं कर सकता। हालांकि, आपको ये भी समझना होगा कि पाकिस्तान के साथ सीधा युद्ध और आतंकवादी ठिकानों पर हमला, भारत के लिए एक मुश्किल फैसला क्यों है?
  • इंटरनेशनल बॉर्डर को पार करके पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने से दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध की आशंकाएं बढ़ सकती हैं। भारत अपने न्यूक्लियर डॉक्टरिन के तहत किसी भी देश पर पहले परमाणु हमला नहीं कर सकता। लेकिन पाकिस्तान ने कई मौकों पर साफ किया है कि वो भारत को सैन्य कार्रवाई से रोकने के लिए भारत पर परमाणु हमला कर सकता है। पाकिस्तान एक आत्मघाती देश है, जिसके पास मरने और मारने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं है।
  • जबकि भारत दुनिया की इकनॉमिक सुपरपावर बनने जा रहा है, भारत एक जिम्मेदार देश होने के नाते कई तरह की अंतर्राष्ट्रीय संधियों से बंधा हुआ है, भारत परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल बिजली पैदा करने के लिए करना चाहता है, ना कि पड़ोसियों में खौफ पैदा करने के लिए। इसलिए पाकिस्तान के साथ परमाणु युद्ध में उलझना भारत के लिए भी बहुत घातक साबित होगा।
  • इसके अलावा किसी भी सैन्य कार्रवाई के लिए तैयारी करने में वक्त लगता है। इसके लिए सेना के अलग-अलग अंगों को मिलकर कार्रवाई करनी होती है और भारी मात्रा में हथियारों की जरूरत पड़ती है। इस वक्त भारतीय सेना के पास तोपों की कमी है और भारत अभी अपने एयर डिफेंस सिस्टम पर काम कर रहा है।
  • जबकि Pok में सैन्य कार्रवाई करना बहुत आसान विकल्प नहीं है, क्योंकि PoK एक दुर्गम इलाका है और सिर्फ PoK से आतंकवादियों का खात्मा करके पाकिस्तान की जेहाद फैक्ट्री पर पूरी तरह ताला नहीं लगाया जा सकता। आतंकवादियों के ठिकानों और Camps पर हवाई हमला करना एक विकल्प हो सकता है, लेकिन इंटेलीजेंस और सर्विलांस की कमी सटीक निशाना साधने में मुश्किल पैदा कर सकती है। 

-क्योंकि अगर एयर स्ट्राइक में ज़रा सी भी चूक हो जाती है, तो आम नागरिकों के मारे जाने का खतरा बढ़ जाता है।
-और एक जिम्मेदार देश होने के नाते भारत बेगुनाहों का खून बहता हुआ नहीं देख सकता।
-एयर स्ट्राइक में माहिर अमेरिका और इज़रायल जैसे देश भी 100 प्रतिशत सफलता के साथ दुश्मनों पर हमले नहीं कर पाते।
-अफगानिस्तान, सीरिया, इराक़ और गाज़ा में हवाई हमलों में कई बार आम लोग मारे जाते हैं।
-परमाणु हमला किसी देश को मिनटों में तबाह कर सकता है। लेकिन कूटनीतिक तौर पर किए गए हमले, पाकिस्तान को बार बार तिल तिलकर मरने पर मजबूर कर देंगे।

  • अगर इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड और संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन, पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिबंध लगा देंगे तो, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा जाएगी और पाकिस्तान के लिए आर्थिक रूप से खड़े रहना भी मुश्किल हो जाएगा। लेकिन यहां अमेरिका जैसे देशों को दोहरा रवैया भी भारत के लिए मुश्किल पैदा करता है।
  • जब अमेरिका पर आतंकवादी हमला होता है तो वो किसी भी देश में घुसकर बदला ले लेता है। ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान की ज़मीन पर सैन्य कार्रवाई की और पाकिस्तान को इसका पता भी नहीं लगने दिया। लेकिन अगर भारत, पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों पर हमला करने के लिए अमेरिका से मदद मांगता है तो अमेरिका खुलकर भारत का साथ नहीं देता।
  • शायद अमेरिका जानता है कि भारत की पाकिस्तान वाली समस्या खत्म होते ही, भारत की हथियारों की जरूरत भी कम हो जाएगी और तब अमेरिका के लिए भारत हथियारों का बड़ा बाज़ार नहीं रहेगा। इससे अमेरिका के आर्थिक हितों को बड़ा नुकसान हो सकता है और अमेरिका के लिए आर्थिक हितों से बड़ा कुछ भी नहीं है। इस दौर का सच यही है कि भारत कूटनीति कर रहा है जबकि अमेरिका व्यापार कर रहा है।

Qus :-Pakistaan के खिलाफ भारत को क्या करना चाहिए?

  • देश की आम जनता और यहां तक कि कई विशेषज्ञ भी ये मानते हैं कि अब हमें पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने में देर नहीं करनी चाहिए। लेकिन हमें यहां ये समझना होगा कि क्या पाकिस्तान के खिलाफ सच में युद्ध छेड़ा जा सकता है? और क्या इस वक्त ऐसा करना भारत के हित में होगा? और अगर भारत ऐसा नहीं कर सकता तो भारत के पास पाकिस्तान को जवाब देने के लिए क्या विकल्प हैं? भारत पाकिस्तान को इस हमले का जवाब कैसे दे सकता है?
  • पाकिस्तानी मीडिया और कई बुद्धीजीवी ये तर्क दे रहे हैं कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के शुरू होने से एक दिन पहले पाकिस्तान भारत पर आतंकवादी हमला क्यों करेगा? क्योंकि ऐसे हालात में भारत, संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को एक आतंकवादी देश घोषित करने के प्रस्ताव पर दुनिया से समर्थन मांग सकता है। ऐसे में पाकिस्तान किसी आतंकवादी हमले को अंजाम देकर खुद के लिए मुश्किल हालात क्यों पैदा करेगा?
  • लेकिन यहां समझना होगा कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से पहले भारत पर इतना बड़ा हमला जान बूझ कर किया है। दरअसल पाकिस्तान चाहता है कि ऐसे हमले के बाद भारत जल्दबाज़ी में कोई प्रतिक्रिया दे। या फिर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का मन बनाए। ऐसा होने पर पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी की शरण में जाकर कश्मीर का मुद्दा उठा सकता है और भारतीय उपमहाद्वीप में शांति बहाल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भारत पर दबाव बना सकता है।
  • भारत अगर सख्त कार्रवाई करने का मन बनाता है तो दुनिया के तमाम शक्तिशाली देश दो परमाणु संपन्न देशों यानी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने की कोशिश करेंगे, और भारत को अंतर्राष्ट्रीय दबाव की वजह से पीछे हटना पड़ेगा। दुनिया के तमाम शक्तिशाली देश अक्सर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को देखकर मन ही मन खुश होते हैं और उन्हें दोनों देशों पर दबाव बनाने का मौका मिल जाता है।
  • पाकिस्तान से आए आतंकवादी इस साल भारत पर दो बड़े हमले कर चुके हैं। इससे पहले ऐसा बड़ा हमला पठानकोट एयरबेस पर हुआ था और इस बार उरी में सेना के कैंप पर हमला करके पाकिस्तान ने भारत के धैर्य का इम्तिहान लिया है। पाकिस्तान और भारत दोनों ही देशों के पास परमाणु बम है और पाकिस्तान अपनी इसी परमाणु शक्ति की आड़ लेकर भारत को धमकाता है।
  • भारत का न्यूक्लियर डॉक्टरिन कहता है कि भारत कभी किसी देश पर पहले परमाणु हमला नहीं करेगा। भारत की ये नीति भी एक तरह से पाकिस्तान के लिए कवर का काम करती है। इसलिए सबसे पहले भारत को पाकिस्तान के न्यूक्लियर झांसे में आना बंद करना होगा। पाकिस्तान क्षेत्रफल के हिसाब से एक छोटा देश है, उसकी अर्थव्यवस्था बहुत ही कमज़ोर है, पाकिस्तान भारत के प्रति दुर्भावना रखने वाला देश है और एक रोग स्टेट यानी अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को ना मानने वाला देश भी है।
  • इसलिए पाकिस्तान को ये समझाना मुश्किल नहीं है कि वो परमाणु शक्ति की आड़ में ज्यादा दिनों तक नहीं बच सकता। पाकिस्तान ये बात अच्छी तरह जानता है कि भारत पर परमाणु हमले का मतलब है पाकिस्तान के वजूद का पूरी तरह मिट जाना। पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान कभी भारत से युद्ध में नहीं जीत सकता, लेकिन छोटे-छोटे हमलों के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई ना करने का फैसला भारत के लिए एक कमज़ोर नब्ज़ बन चुका है, जिसे पाकिस्तान जब चाहे तब दबाता रहता है।
  • इसलिए पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत पाकिस्तान के खिलाफ एक ऐसा Militry operation शुरू कर सकता है जिसे पूरी तरह से राजनीतिक समर्थन हासिल हो। इसके तहत भारत एलओसी के दूसरी तरफ मौजूद आतंकवादियों के अड्डों पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है।

Lesson from Past

जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अज़हर को छुड़ाने के लिए 1999 में Indian Airlines की Flight IC 814 को Terrorists ने हाईजैक कर लिया था जिसके बाद भारत ने करीब 190 लोगों की जान बचाने के लिए मसूद अज़हर सहित तीन आतंकवादियों को छोड़ने का फैसला किया था क्योंकि इस फ्लाइट को हाइजैक करने वाले आतंकवादियों ने इन तीनों को छोड़ने की मांग की थी। उस दौरान मसूद अज़हर जम्मू की कोट बलवाल जेल में बंद था और भारत सरकार मसूद अज़हर और उसके साथियों को हवाई जहाज़ में बैठाकर कंधार तक छोड़कर आई थी।बाद में इसी मसूद अज़हर ने अपने संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ज़रिए कभी संसद पर तो कभी भारतीय सेना के कैंप पर हमले किए और भारत को गहरी चोट पुहंचाई, हमें लगता है कि मौलाना मसूद अज़हर एक जहरीला सांप है और भारत को PoK में घुसकर इस ज़हरीले सांप का सिर कुचल देना चाहिए।

वैसे यहां पर हमारे पास आपके लिए एक Extra विचार भी है। DNA में हम ये सवाल लगातार उठाते रहे हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है, लेकिन अगर इस्लाम के ठेकेदारों ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया तो जल्द ही वो दिन भी आ जाएगा जब दुनिया कहेगी कि आतंकवाद का धर्म होता है। क्योंकि एक रिसर्च के मुताबिक 2015 में हुए 452 आतंकवादी हमलों में से 450 इस्लामिक कट्टरपंथियों ने किए थे और ये काम इस्लाम का दुरुपयोग करके किया गया था। हम ये बात ज़ोर देकर कहना चाहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और ना ही होना चाहिए इसलिए आज हम देश के सामने और सरकार के सामने एक सुझाव रखना चाहते हैं ताकि भटके हुए युवाओं को आतंकवादी बनने से रोका जा सके।

★किसी भी ऑपरेशन में मारे गए आतंकवादियों से धार्मिक आधार पर उनका अंतिम संस्कार करने का अधिकार छीन लेना चाहिए और आतंकवादियों को कूड़े के साथ जला देना चाहिए। ये उपाय आतंकवाद में कमी लाने का उपाय साबित हो सकता है। क्योंकि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, इसलिए इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आतंकी को जलाया गया या दफनाया गया।

 

What should be strategy for India?

-ऐसा करने के लिए भारत को Local Intelligence Input की मदद लेनी होगी।
-भारत को ये समझना होगा कि दुनिया भी भारत को तब तक एक मज़बूत देश नहीं मानेगी, जब तक भारत अपने सेल्फ डिफेंस में जरूरी कदम उठाना शुरू नहीं करेगा।
-पाकिस्तान और Pok में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हमला करने के साथ ही भारत पाकिस्तान पर कूटनीतिक हमले भी कर सकता है, ताकि पाकिस्तान को बचकर निकलने का मौका ना मिले।
-लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ना, या फिर उसकी ज़मीन पर जाकर सैन्य कार्रवाई करना, पाकिस्तान को भारत पर परमाणु हमला करने के लिए उकसा सकता है।
-ऐसे हालात से बचने का दूसरा तरीका ये है कि भारत दुनिया के शक्तिशाली देशों के साथ मिलकर पाकिस्तान को एक Pariah State बना दे।
-Pariah State वो देश होता है जिसे अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में अलग-थलग कर दिया जाता है। कोई भी Pariah State के साथ किसी भी तरह के संबंध नहीं रखना चाहता। यानी आप इसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में किसी देश का हुक्का-पानी बंद करना भी कह सकते हैं।
-अब सवाल ये कि इस मसले पर दुनिया भारत की क्यों सुनेगी, तो इसका जवाब भी आपको पता होना चाहिए।
-भारत 132 करोड़ लोगों का देश है, और दुनिया का सबसे बड़ा बाज़ार है। ऐसा कोई भी देश जिसे अपनी अर्थव्यवस्था की चिंता है, भारत की अनदेखी नहीं कर सकता।
-उदाहरण के लिए भारत और अमेरिका के बीच 87 हज़ार 47 करोड़ रुपये के रक्षा समझौते हो चुके है।अमेरिका के लिए भारत हथियारों का सबसे बड़ा बाज़ार है। अगर भारत इन हथियारों को खरीदना बंद कर दे तो ये नुकसान अमेरिका बर्दाश्त नहीं कर पाएगा।
-इसी तरह चीन, जिसे पाकिस्तान अपना सबसे बड़ा हमदर्द समझता है वो भी भारत के साथ व्यापारिक घाटा नहीं झेल सकता।
-चीन और भारत के बीच इस वक्त हर साल 4 लाख 62 हज़ार करोड़ रुपये का वार्षिक व्यापार होता है।
-इनमें से भारत चीन से हर साल 4 लाख 4 हज़ार करोड़ रुपये का सामान खरीदता है।
-भारत का साथ ना देने पर चीन को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ होगा।

इसके साथ ही चीन ने पाकिस्तान में CPEC परियोजना के तहत बहुत बड़ा निवेश किया हुआ है। और चीन अच्छी तरह जानता है कि पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध छिड़ने का मतलब होगा CPEC को भारी नुकसान पहुंचना।

-यूरोपियन यूनियन से अलग हुए ब्रिटेन की सबसे बड़ी उम्मीद भारतीय बाज़ार और भारतीय उपभोक्ता ही हैं।
-भारत और ब्रिटेन के बीच 91 हज़ार 707 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यापार होता है।
-इसलिए ब्रिटेन भी पाकिस्तान को अलग-थलग किए जाने के भारत के दबाव को खारिज नहीं कर सकता।
-वर्ष 2000 के बाद से से यूरोपीयन यूनियन भी एंटी टेररिज्म स्ट्रेटजी अपनाता रहा है।
-इस स्ट्रेटजी के तहत यूरोपियन यूनियन उन सारे संसाधनों और मदद को रोक देती है जिसका फायदा आतंकवादी उठाते है।
-SAARC देशों के बीच भी पाकिस्तान को अलग-थलग करके पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और स्वाभिमान पर चोट की जा सकती है।
-बलोचिस्तान और गिलगित बाल्टिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है। भारत इस आक्रोश का फायदा उठा सकता है, क्योंकि पाकिस्तान की सेना भारत के मुकाबले काफी छोटी है और वो एक साथ कई मोर्चों पर नहीं लड़ सकती।
-भारत जैसे बड़े देश के साथ सीधे युद्घ में उलझने की बजाय पाकिस्तान फिदायीयन आतंकवादियों का इस्तेमाल करता है।
-आप इसे आतंकवाद की दुनिया में पाकिस्तान का वो स्टार्ट-अप भी कह सकते है, जिसमें पाकिस्तान को बहुत कम पैसा लगाना पड़ता है, और नतीजे वही मिलते हैं जो किसी युद्घ में हासिल होते हैं।

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