सर्जिकल स्ट्राइक जैसे विशेष अभियानों के लिए भारत की स्पेशल फोर्सेज

सर्जिकल स्ट्राइक को पीओके में स्पेशल फोर्स (भारतीय सेना) ने अंजाम दिया था। हर देश के पास अपनी स्पेशल फोर्स है। ऐसे ऑपरेशंस के लिए भारत में आठ तरह की स्पेशल फोर्स हैं। हर स्पेशल फोर्स में औसतन 650 कमांडो हैं।

1.एनएसजी (ब्लैक कैट)
- सेना व सीआरपीएफ के जांबाज नेशनल सिक्योरिटी गार्ड चुने जाते हैं। इन्हें दुनिया के बेस्ट हथियार दिए जाते हैं। मुंबई, पठानकोठ में इन्होंने ही आतंकी ढेर किए।

2. मरीन कमांडोज
- समुद्री संघर्ष की एक्सपर्ट देश की सबसे घातक फोर्स। ट्रेनिंग ऐसी कि 20 फीसदी ही पास होते हैं।

3. पैरा कमांडोज
- मारकोस के बाद नंबर है पैरा कमांडोज का। ये सबसे ट्रेंड माने जाते हैं। बल और बुद्धि दोनों की परीक्षा पास करनी होती है।

4. स्पेशल फ्रंटीयर फोर्स
- पैरामिलिट्री फोर्स की स्पेशल यूनिट। बंधक छुड़ाने व गुप्त ऑपरेशन में महारत। गुरिल्ला युद्ध में माहिर।

5. फोर्स वन
- 26/11 हमले के बाद गठन। क्विक रिस्पांस फोर्स 15 मिनट में किसी ऑपरेशन को तैयार।

6.गरुड़ कमांडो
- वायु सेना की इस टुकड़ी में करीब 2 हजार कमांडो हैं। हवाई हमलों, दुश्मन की टोह लेने और रेस्क्यू ऑपरेशन्स के लिए खास तौर पर प्रशिक्षित होते हैं।

7. कोबरा फोर्स
- घने जंगलों में छिपे नक्सल ऑपरेशन के लिए ट्रेंड। 150 नक्सली अब तक ढेर किए हैं।

8. घातक फोर्स
- सेना की स्पेशल कंपनी, जो मैन टू मैन असॉल्ट के वक्त बटालियन के आगे चलती है।

=>>मकसद: बलिदान

◆खासियत: शरीर बंधने की स्थिति में भी दुश्मनों को बिना हथियार के मात देने, दुश्मनों के कोडदस मिनट में ब्रेक करने कंधों से बंदूक चलाने की क्षमता। जूडो, कराटे और कंगु फू में महारथ।
◆उम्र: 21 से 28 साल
◆नियुक्ति: पैराशूट रेजीमेंट  को प्राथमिकता। 
◆ट्रेनिंग: जल, थल-नभ में तीन साल की ट्रेनिंग।
◆कहां दिखते हैं: गणतंत्र दिवस की परेड में। लोगों के बीच आने की अनुमति नहीं।

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