क्या कहना है वैज्ञानिको का
- वैज्ञानिकों ने चांद के नमूनों की जांच कर सौरमंडल के पड़ोस में होने वाले एक सुपरनोवा की पुष्टि की है। यह सुपरनोवा करीब 20 लाख साल पहले हुआ था।
- हमारे सौरमंडल के करीब एक सितारा सुपरनोवा बनकर फटा था। इसके चिह्न् अब भी लोहे के एक समस्थानिक के रूप में समुद्र की सतह पर पाए जा सकते हैं।
कैसे हुई पुष्टि
सुपरनोवा विस्फोट के साक्ष्य पृथ्वी पर, प्रशांत महासागर में पाए गए हैं। ये साक्ष्य लोहे के एक समस्थानिक 60एफइ के रूप में हैं। रेडियोएक्टिव 60एफइ प्राय: सुपरनोवा विस्फोट में ही बनते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खोज से सौरमंडल के जन्म और विकास के बारे में और बारीक जानकारियां मिलने की उम्मीद है।
क्या है सुपरनोवा
सुपरनोवा किसी तारे में होने वाले महाविस्फोट को कहते हैं| विस्फोट के दौरान समूची आकाश गंगा रोशनी से सराबोर हो जाती है| इस दौरान सुपरनोवा से जितनी ऊर्जा निकलती है वह सूर्य के पूरे जीवनकाल से मिलने वाली ऊर्जा से भी ज़्यादा है| सुपरनोवा की ऊर्जा इतनी बलवान होती है कि वह हमारी धरती की आकाशगंगा को कई हफ्तों तक फीका कर सकती है.
सुपरनोवा की जानकारी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की आयु और उसके विस्तार के बारे में जानने में मदद करती है.