★नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2015 के आंकड़े जारी हो गए हैं। हर बार की तरह रिपोर्ट में दिखाया गया है कि देश में हर क्षेत्र में अपराध बढ़े हैं।
★ बच्चों से लेकर महिलाएं और आम इनसान, कोई सुरक्षित नहीं है। न सड़क पर सुरक्षा की गारंटी है, न ऑफिस में कोई भरोसा करने लायक बचा है।
★बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं के बावजूद देश में बेटियां और महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं, इस बात का अंदाजा नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वर्ष 2015 की ताजा रिपोर्ट से लगाई जा सकती है जिसने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले साल 34 हजार से भी अधिक दुष्कर्म के मामले दर्ज किये गये।
★एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट बताती है कि देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दुष्कर्म की 34,651 वारदातें हुई हैं। इनमें सबसे ज्यादा 4391 वारदातें बालिका हितैषी योजनाओं के कारण पहचान बना चुके मध्यप्रदेश में हुई। इसी अवधि में महाराष्ट्र में 4,144, राजस्थान में 3,644, उत्तर प्रदेश में 3,025 दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए।
★एनसीआरबी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि 2014 के मुकाबले 2015 में दुष्कर्म की घटनाओं में कमी देखनी को मिली है।
★जहां 2015 में 34651 दुष्कर्म की घटनाएं दर्ज की गयी वहीं 2014 में यह आंकड़ा 36735 था। रिपोर्ट में बताया गया है कि 4437 मामले ऐसे दर्ज किये गये हैं जिनमें दुष्कर्म करने की कोशिश की गई।
★अपराधों में राजधानी दिल्ली जहां पहले नंबर पर है वहीं दूसरे नंबर पर मुंबई है। जहां अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। यहां सायबर अपराध 50 फीसदी बढ़े हैं। छत्तीसगढ़ में महिलाओं के साथ यौन उत्पीडऩ के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
- देश में लक्ष्यद्वीप ऐसा राज्य (केंद्र शासित) है, जहां न तो दुष्कर्म का कोई मामला दर्ज हुआ और न दुष्कर्म के प्रयास का ही।