स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य उत्पादों और इनमें प्रयोग किए जाने वाले योज्य पदार्थों के मानकों के संबंध में सख्त मानदंड निर्धारित किए हैं ताकि इन उत्पादों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। शिशु खाद्य पदार्थों सहित प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के लिए मानकों को खाद्यसुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योज्य पदार्थ) विनियम, 2011 और खाद्य सुरक्षा और मानक (स्वास्थ्य अनुपूरक, न्यूट्रास्यूटिकल्स, विशेष पोषक खुराक हेतु खाद्य पदार्थ,विशेष चिकित्सीय प्रयोजन हेतु खाद्य पदार्थ, फंक्शनल (क्रियात्मक) फूड और नॉवल (नवीन भोजन) विनियम, 2016 के तहत विनिर्धारित किया जाता है। इन विनियमों में विभिन्न खाद्य उत्पादों में प्रयोग किए जाने वाले कृत्रिम रंगों सहित अनुमत्य योज्य पदार्थों के विभिन्न पैरामीटरों और सीमाओं को विहित किया गया है।(#GSHINDI , #TheCoreIAS)
- इसके अतिरिक्त, खाद्य सुरक्षा और मानक (प्रदूषण,विष और अवशिष्ट) विनियम, 2011 में विभिन्न श्रेणियों के खाद्य पदार्थों के लिए प्रदूषणों, विष (टॉक्सिनों) और पेस्टिसाइड/कीटनाशक/एंटीबायोटिक अवशिष्ट के लिए सीमाएं विहित की गई हैं।
- खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर निषेध और प्रतिबंध)विनियम, 2011 में अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित विहित किया गया है
- ‘कोई भी व्यक्ति भारतीय मानक ब्यूरो प्रमाणन चिह्न के तहत निर्धारित सूत्र (फार्मूला) के अतिरिक्त शिशु खाद्य दुग्ध पदार्थ (मिल्कफूड), शिशु खाद्य सूत्र और दुग्ध अन्न आधारित अपस्तन्य (वीनिंग) खाद्य पदार्थ और अनुवर्ती (फोलोअप) खाद्य सूत्र का विनिर्माण, विक्रय, भंडारण या विक्रय हेतु प्रदर्शन नहीं करेगा’
- खाद्य व्यवसाय प्रचालक को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम तथा इसके तहत बने नियमों और विनियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करनाहोता है ताकि शिशु खाद्य उत्पादों सहित प्रसंस्कृत उत्पादों का उपभोग सुरक्षित हो। इन मानकों का अनुपालन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के माध्यम से सुनिश्चित किया जाता है जो कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, नियमों और विनियमों के उपबंधों के प्रवर्तन के लिए प्राथमिक रूप से उत्तरदायी हैं।
- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 18 (3) के अनुसार, इस अधिनियम के उपबंध किसी किसान या मछुआरे या कृषि प्रचालनों या फसलों या पशुधन या मत्स्य पालन पर लागू नहीं होते।
- तथापि, एफएसएसएआई ने मानव उपभोग के लिए खाद्य उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विनियमों के माध्यम से सख्त मानकों और मानदंड़ों को निर्धारित किया है।
- तत्संबंधी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के खाद्य सुरक्षा विभागों के अधिकारियों द्वारा खाद्य उत्पादों की नियमित निगरानी, मॉनीटरिंग, निरीक्षण और यादृच्छिक नमूना संग्रहण किया जाता है ताकि यह जांचा जा सके कि ये उत्पाद खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 तथा इसके तहत बने नियमों और विनियमों के तहत निर्धारित मानकों का अनुपालन करते हैं। जहां खाद्य नमूने मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाते, वहां खाद्य सुरक्षा
- और मानक अधिनियम, 2006 के अध्याय-IX के तहत दंडात्मक उपबंधों का सहारा लिया जाता है।
- एफएसएसएआई खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को सख्त कार्रवाई करने की सलाह देते हुए हानिकारक रसायनों और कृत्रिम रंगों के प्रयोग के बारे में मीडिया रिपोर्टों सहित इन मुद्दों को भी निपटाता है।