सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों में आयोग से होगी नियुक्ति: कोर्ट
- सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल मदरसा सेवा आयोग कानून को संवैधानिक ठहराते हुए कहा है कि यह कानून अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के अधिकारों का हनन नहीं करता। कोर्ट ने सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों में आयोग द्वारा शिक्षकों का चयन और नामित किए जाने को सही ठहराया है। हालांकि, जिन शिक्षकों की भर्ती मदरसों ने मामला लंबित रहने के दौरान स्वयं कर ली थी, वह भी बनी रहेगी। कोर्ट ने कहा है कि इसके बाद कानून के मुताबिक आयोग द्वारा किया गया शिक्षकों का चयन वैध होगा। इस आदेश से बंगाल में आयोग द्वारा चयनित करीब तीन हजार से ज्यादा मदरसा शिक्षकों की नौकरी बच गई है।
- कोर्ट ने कहा, कानून किसी तरह से अल्पसंख्यक संस्थाओं के अधिकारों का हनन नहीं करता। शिक्षा की उत्कृष्टता बनाए रखने के उद्देश्य से यह कानून बनाया गया, ताकि काबिल शिक्षकों की भर्ती हो। साथ ही इस कानून में अल्पसंख्यक संस्थानों के हितों का भी ध्यान रखा गया है। कोर्ट ने कहा, कानून के मुताबिक आयोग में एक अध्यक्ष और चार सदस्य होंगे, जिन्हें इस्लामिक कानून और संस्कृति की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। साथ ही उन्हें शिक्षण के पेशे का अनुभव भी होना चाहिए।