केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के अपने लक्ष्य को पूरा करने को लेकर आगे बढ़ रही है। केंद्र सरकार की ओर से बनायी गयी एक कमिटी कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों पर विचार कर रही है। इनमें मुनाफा केंद्रित रुख (प्रॉफिट सेंट्रिक अप्रोच) अपनाते हुए उत्पादकता बढ़ाना और कृषि लागत कम करना शामिल है
आय को बढाने की चुनौतिया
- खेती-बाड़ी को व्यावहारिक बनाना 'सबसे बड़ी चुनौती' है।
- देश के ज्यादातर किसान, छोटे और सीमांत हैं। उन्होंने कहा कि खेती में फायदा कमाने का सिद्धांत इस तथ्य पर विचार से आता है कि सकल उत्पादन और कृषि लागत क्या है
- कटाई के बाद फसल प्रबंधन भी बहुत महत्वपूर्ण है। कटाई के बाद फसल को कैसे रखा जाता है, ढुलाई और मार्केटिंग भी इसमें शामिल है। इसके अलावा, कमिटी पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन और फूलों की खेती में विकास को बढ़ाने वाले अहम कारक है
- इसके अलावा input pricing भी एक प्रमुख मुद्दा है जहाँ लागत बढाती जा रही है पर उसी अनुरूप return नहीं आ रहा
- मौजूदा समय में खपत का तरीका बदल रहा है, लोग मांस, दूध, अंडे, फल और सब्जियों जैसे अधिक कीमत वाले उत्पादों का रुख कर रहे हैं| आय को बढाने के लिए इस और ध्यान दिया जाए
- इसके आलावा ऋण की भी समस्या है जंहा संस्थाए होने के बावजूद किसान इसका लाभ नहीं उठा पा रहे
- इसके अलवा समस्या है marketing और processing की जिसकी तकनीक अभी भी दूर गाँवों तक पहुँच नहीं पाई है