प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का एक आंकलन

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना यानी पीएमएफबीवाई ने असर दिखाना शुरू कर दिया है।
  • सरकार की इस योजना से खरीफ 2016 में फसल बीमा कराने वाले किसानों की संख्या 20 प्रतिशत बढ़ी है।
  • यही नहीं, समय पूरा होने से पहले ही बड़ी संख्या में किसानों को बीमा की राशि तात्कालिक राहत के तौर पर मिलने लगी है।
  • उत्तर प्रदेश है में खरीफ मौसम में बाढ़ या अत्यधिक वर्षा होने के चलते फसल नुकसान होने पर 71,679 किसानों को बीमा दावा की राशि मिली है। खास बात यह है कि यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में मिली है।
  • उत्तर प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र व राजस्थान के किसानों को भी फसल बीमा की राशि मिली है।
  •  यह राशि तात्कालिक राहत के तौर पर दी गई है, क्योंकि इस योजना में प्रावधान है कि फसल को हुए नुकसान का आकलन बाद में किया जाएगा, पहले किसान को बीमा की राशि में से 25 प्रतिशत भुगतान कर दिया जाएगा।
  •  खरीफ में उप्र के 30 जिलों 71,679 किसानों को ऑन एकाउंट तात्कालिक राहत के तौर पर 30.75 करोड़ बीमा राशि का भुगतान किया गया। इन किसानों की फसलों को बाढ़ व अत्यधिक बारिश से नुकसान हुआ था।
  • इस तरह यूपी के बीमा कराने वाले किसान को औसतन 42,00 रुपये से अधिक बीमा राशि मिली।
  • सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत खरीफ 2016 में की थी।
  • यह योजना पंजाब व कुछ केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर सभी बड़े राज्यों में लागू है।
  • खरीफ के दौरान इस योजना के तहत 3.57 करोड़ से अधिक किसानों ने 3.79 करोड़ हेक्टेयर फसल क्षेत्र का बीमा कराया है। अगर इसमें रिस्ट्रक्चर्ड वेदर बेस्ड क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम (आरडब्ल्यूबीसीआइ एस) के तहत कराए गए बीमा को भी जोड़ लें तो बीमित किसानों की संख्या बढ़कर 3.70 करोड़ हो जाती है। यह आंकड़ा खरीफ 2015 की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है
  • पुरानी बीमा योजनाओं की कमियां दूर कर पीएमएफबीवाई शुरू की गई।

what is PMFBY

क्या है यह योजना:

  • योजना के अन्तर्गत किसानों को बीमा कम्पनियों द्वारा निश्चित, खरीफ की फसल के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होगा। pmfby
  •   योजना में सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। अर्थात बचा हुआ प्रीमियम 90 प्रतिशत होता है, तो ये सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
  • * शेष प्रीमियम बीमा कंपनियों को सरकार द्वारा दिया जाएगा। ये राज्य तथा केंद्रीय सरकार में बराबर- बराबर बाँटा जाएगा।
  • * योजना की प्रीमियम दर बेहद कम रखी गई है ताकि किसान इसकी किस्तें आसानी से वहन कर सकें।
  • * योजना किसानों के हित के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से भी काम करेगी।
  • * प्रधानमंत्री फसल योजना के अंतर्गत किसान मोबाइल के माध्यम से भी अपनी फसल के नुकसान के बारे में आंकलन कर सकता है।
  • Note:- ध्यान रहे कि मनुष्य द्वारा निर्मित आपदाओं जैसे आग लगना, चोरी होना, सेंध लगना आदि इस योजना में शामिल नहीं है।

 

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