मानसून सत्र में जीएसटी पास होने की उम्मीदें, तमिलनाडु को छोड़ बाकी राज्य राजी

★ लंबे समय तक लटकने के बाद इस बार के मानसून सत्र में जीएसटी के पास होने के आसार बढ़ गए हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कोलकाता में देश के 22 राज्यों के वित्त मंत्रियों व शेष 7 के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की.
★ इस बैठक में पूरे देश में एक समान कर व्यवस्था लागू करने के उद्देश्य से लाया जाने वाला वस्तु एवं सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स या जीएसटी) पर चर्चा की गयी.
★ वित्त मंत्रालय ने जीएसटी का ड्राफ्ट जारी किया है. राज्यों ने जीएसटी मॉडल के ड्राफ्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है और तमिलनाडु को छोड़ कर बाकी सभी राज्यों ने जीएसटी का समर्थन करने की बात कही है.

★ जीएसटी दर पर संवैधानिक सीमा नहीं लगाने को लेकर पूरी तरह सहमति है, क्योंकि भविष्य में दरों में संशोधन की जरूरत पड़ सकती है. 

★ राज्य और केंद्र के बीच कई मुद्दों को लेकर विवाद को सरकार इस बैठक के जरिये खत्म करना चाहती है. कई राज्य जीएसटी के पक्ष में है तो कई राज्य इस बिल के बाद अपने राज्यों को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित है.
#GST #Economics
=>क्या है जीएसटी के मॉडल ड्राफ्ट में:
★ वस्तु और सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) कानून देश भर में विनिर्माण, वस्तुओं व सेवाओं की बिक्री और उपभोग पर लगने वाला एक अप्रत्यक्ष कर होगा. सरकार ने इस कानून का मॉडल ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. यह केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले विभिन्न टैक्स की जगह लेगा.

★ केंद्र सरकार ने गुड टैक्स सर्विस यानि जीएसटी बिल में जो प्रावधान किये हैं उसके तहत अलग-अलग टैक्स खत्म कर उनकी जगह एक ही टैक्स प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव है.
★ मसलन देश में जीएसटी लागू होते ही सेंट्रल सेल्स टैक्स, एक्साइज, लग्जरी, एंटरटेंनमेंट, वैट जैसे अलग-अलग सेंट्रल और लोकल टैक्स खत्म हो जाएंगे. वहीं इसके लागू होने के बाद टैक्स का बराबर हिस्सा केंद्र और राज्यों को भी मिलेगा.

★ 10 लाख रुपए सालाना से अधिक टर्नओवर पर भी जीएसटी लागू होगा. टैक्‍स चोरी पर 5 साल तक की जेल का प्रावधान है.
 सीनियर टैक्‍स अफसर के पास सर्च और अरेस्‍ट का अधिकार होगा.
– जीएसटी टैक्‍सपेयर्स को आरटीजी (रेवेन्‍यू टैक्‍स गाइड) दिया जाएगा. ड्राफ्ट को पब्लिक किया जाएगा. ई-कॉमर्स कंपनियां सप्‍लायर को पेमेंट पर जीएसटी कलेक्‍ट करेंगी. इस कानून के तजहत डिस्‍प्यूट सेटलमेंट के लिए पैनल और ट्रिब्‍यूनल होगा.

★ जीएसटी एक सेंट्रलाइज (केंद्रीकृत) टैक्‍स है. दरअसल, अभी कंपनी और कारोबारी बड़े पैमाने पर इनडायरेक्‍ट टैक्‍स चुकाते हैं, जिसमें वैट, सर्विस टैक्‍स, इंटरटेनमेंट टैक्‍स, चुंगी और लग्‍जरी टैक्‍स आदि शामिल होते हैं. इन सबकी जगह अब जीएसटी के तौर पर एक टैक्‍स देना होगा. इससे पूरा देश एक बाजार बन जाएगा. जीएसटी के लागू होने के बाद ये सभी टैक्‍स खत्‍म हो जाएंगे.

★ जीएसटी ऐसा टैक्‍स है जिसे मैन्‍यूफैक्‍चरिंग के स्‍तर पर नहीं लगाकर उपयोग के समय लगाया जाएगा. अभी गुड्स और सर्विसेज के लिए देशभर में अलग-अलग टैक्‍स चुकाना पड़ता है लेकिन जीएसटी आने के बाद एकसमान टैक्स दर पूरे देश में लागू होगी. 
★ इनपुट टैक्स क्रेडिट सिस्‍टम के आधार पर जीएसटी खरीद व बिक्री के प्रत्येक स्तर पर लगाया जाएगा. इससे न केवल विनिर्माण, बल्कि एक राज्य से दूसरे राज्य में वस्तुओं की आवाजाही और सुगम हो पाएगी. 
★ इस ड्राफ्ट में वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) कानून 2016, एकीकृत वस्तु और सेवा कर (आईजीएसटी) कानून 2016 और वस्तु और सेवा कर मूल्यांकन नियम, 2016 को मिलाकर एक कर दिया गया है.

=>टैक्स ढांचा बदल देगा जीएसटी :-
★ जीएसटी के लागू होते ही केंद्र को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, सब खत्म हो जाएंगे. राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लक्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स, चुंगी वगैरह भी खत्म हो जाएगी. हालांकि पेट्रोल, डीजल, केरोसीन, रसोई गैस पर अलग-अलग राज्य में जो टैक्स लगते हैं, वो अभी कुछ साल तक जारी रहेंगे.

=>आम आदमी को जीएसटी से फायदा :-
★ जीएसटी लागू होने पर सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी को है. क्योंकि तब चीजें पूरे देश में एक ही रेट पर मिलेंगी, चाहे किसी भी राज्य से खरीदें. मसलन दिल्ली से सटे नोएडा, गुड़गांव वाले, जो कभी गाड़ी यूपी से लेते हैं, कभी हरियाणा या कभी दिल्ली से, जहां भी सस्ती मिल जाए वो सब चक्कर ही खत्म हो जाएगा. 
★हम लोग अभी सामान खरीदते वक्त उस पर 30-35 फीसदी टैक्स के रूप में चुकाते हैं. जीएसटी लागू होने के बाद ये टैक्स घटकर 20-25 फीसदी रहने की उम्मीद है.

=>कारोबारियों-कंपनियों को फायदा :-
★ जीएसटी लागू होने पर कंपनियों का झंझट और खर्च भी कम होगा. व्यापारियों को सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. अलग-अलग टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा तो सामान बनाने की लागत घटेगी, इससे सामान सस्ता होने की उम्मीद भी है.

=>जीएसटी पर कैसे राजी हुए राज्य :-
★राज्यों को डर ये था कि उनकी कमाई कम हो जाएगी. खासकर पेट्रोल डीजल से तो कई राज्यों का आधा बजट चलता है. तो वो राहत केंद्र ने राज्यों को दे दी उनपर अभी जो टैक्स राज्य ले रहे हैं, वो शुरुआती बरसों में लेते रहें. और राज्यों का जो नुकसान होगा उसकी भरपाई 5 साल तक केंद्र सरकार करेगी. इसके अलावा जीएसटी से जो टैक्स मिलेगा, वो केंद्र और राज्य में एक तय हिसाब से बंटेगा.

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download