क्या है खोज
शोधकर्ताओं ने एक विशेष प्रोटीन की पहचान की है, जो निमोनिया से लड़ने में मददगार हो सकता है। यह प्रोटीन दरअसल हमारे प्रतिरक्षा तंत्र की क्षमता को बढ़ाकर उसे निमोनिया से निपटने की ताकत देगा। इस नई खोज से चिकित्सकों को घातक संक्रमण के उपचार का एक नया प्रभावी माध्यम मिल सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि निमोनिया का बैक्टीरिया भी अन्य कई घातक बैक्टीरिया की तरह दिनोंदिन अधिक मजबूत होता जा रहा है। समय के साथ वह खुद को एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बनाता जा रहा है। अर्थात उस पर एंटीबायोटिक का असर कम होता जा रहा है।
निमोनिया से लड़ने मददगार यह प्रोटीन
शोधकर्ताओं को अध्ययन से पता चला कि इस प्रोटीन की कमी से मरीज के फेफड़ों में बैक्टीरिया की तादाद 10 गुना अधिक हो गई। जबकि रक्त में बैक्टीरिया की मौजूदगी 1,000 गुना अधिक पाई गई। संक्रमण लिवर तक पहुंच गया। इन सब के कारण मरीजों के मौतों की दर बढ़ गई। शोधकर्ताओं ने कहा, स्पष्टत: निमोनिया से लड़ने में एम-सीएसएफ की अहम भूमिका है।