सुपरबग से बचाव के लिए एंटीबायोटिक्स प्रतिरोध के खिलाफ विश्व युद्ध

सन्दर्भ:- संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस बार का प्रमुख मुद्दा antibiotic resistance ही है।

 जिस bacteria का विश्लेषण आज हम करेंगे, वो देश के छोटे छोटे बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। इस bacteria का नाम है सुपरबग। सुपरबग वो bacterias होते हैं, जिन पर antibiotic दवाएं काम करना बंद कर देती हैं।

  • मेडिकल Journal The Lancet में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक Sepsis (सेप्सिस )नामक बीमारी से पीड़ित 26 प्रतिशत भारतीय बच्चों की मौत जन्म लेने के 72 घंटों में ही हो गई । ये शोध 2011 से शुरू हुआ था और तीन वर्षों तक चला और इसके नतीजे अब प्रकाशित हुए हैं।
  •  नवजात बच्चों में Sepsis और pneumonia जैसी बीमारियां बहुत आम बात हैं। और ज्यादातर मामलों में बच्चों का सफल इलाज कर दिया जाता है। लेकिन SuperBug की वजह से अब बच्चों पर antibiotic दवाएं असर नहीं कर रही हैं।
  • यानी इन बच्चों के शरीर में antibiotic दवाओं के प्रति Resistance यानी प्रतिरोध पैदा हो गया है। इस प्रतिरोध को पैदा करने वाले bacterias को ही सुपरबग कहा जाता है। ये स्टडी दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों के ICU में भर्ती 13 हज़ार 530 नवजात बच्चों पर की गई। 
  • तीन वर्षों तक चली इस स्टडी में डॉक्टरों ने पाया कि 53 प्रतिशत बच्चे 3 अलग अलग तरह के सुपरबग की चपेट में आ गए थे। इनमें से करीब 14 प्रतिशत बच्चों के शरीर पर AntiBiotic दवाएं असर नहीं कर रही थीं। और इनमें से 26 प्रतिशत मामलों में सुपरबग की बजह से नवजात बच्चों की मौत हो गई। एक अनुमान के मुताबिक हर साल 60 हज़ार से ज्यादा बच्चों की मौत सिर्फ इसलिए हो जाती है, क्योंकि उन पर AntiBiotics असर नहीं करतीं। ये पूरी दुनिया के मुकाबले सबसे ज्यादा है। 
  •  संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी इस बार antibiotic resistance का मुद्दा प्रमुख है, और आज यही मुद्दा United Nations General Assembly में एक High Level मीटिंग में उठाया जा रहा है। 
  • इतिहास में ऐसा सिर्फ चौथी बार हो रहा है जब संयुक्त राष्ट्र महासभा में स्वास्थ्य से जुड़ा कोई मुद्दा शामिल किया गया है। इससे पहले सिर्फ HIV, Non communicable Diseases और Ebola का मुद्दा ही United Nations की सबसे बड़ी बैठक में शामिल किया गया है।  
  • यह कह सकते हैं कि antibiotic resistance भी दुनिया के लिए आतंकवाद जितनी बड़ी और गंभीर समस्या है। AntiBiotic दवाओं का असर खत्म होने से हर साल दुनिया भर में 7 लाख लोगों की मौत हो जाती है।

परेशानी की बात ये है कि एंटिबायोटिक दवा खा-खाकर भारतीयों के शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया इतने ताकतवर हो गये हैं कि उन पर कई एंटिबायोटिक दवाओं का असर होना ही बंद हो गया है। पूरी दुनिया में भारत सबसे ज्यादा Antibiotics का इस्तेमाल करता है। एक स्टडी के मुताबिक Antibiotic resistance 2050 तक दुनिया की सबसे बड़ी महामारी बन जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक अभी हर साल कैंसर से पूरी दुनिया में 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है। लेकिन 2050 तक Antibiotic resistance की वजह से हर साल 1 करोड़ लोगों की मौत होगी यानी ये कैंसर से भी बड़ा खतरा है।

Why this superbug:

  • Darwin की थ्योरी के मुताबिक Evolution यानी क्रमिक विकास कुदरत की तरफ से की गई एक जरूरी व्यवस्था है। प्राकृतिक तौर पर इस  Evolution में हज़ारों लाखों वर्ष लगते हैं, लेकिन शरीर में मौजूद हानिकारक bacterias  खुद को तेज़ी से बदल रहे हैं। और इंसानों को मार रहे हैं।
  • ये सब कुछ Antibiotics के ज्यादा इस्तेमाल की वजह से हो रहा है। Antibiotics को नाकाम करने वाले SuperBug सभी तरह के जीवों में पाए जा रहे हैं, इनमें छोटे बच्चे, बड़े बुज़ुर्ग, जानवर और यहां तक की फसलें भी शामिल हैं। 
  • आम लोगों की धारणा है कि एंटीबायोटिक दवाओं से कोई नुकसान नहीं होता।इसीलिए जरा-सी सर्दी-ज़ुकाम या मामूली दर्द होने पर भी लोग एंटीबायोटिक्स ले लेते हैं। लेकिन चिंता की बात ये है कि दुनिया के लिए, बड़े बड़े Nuclear हथियारों से भी बड़ा खतरा वो छोटे छोटे  bacterias हैं, जिन्हें हम इंसानों ने अमर बना दिया है। 
  • WHO के मुताबिक खून का Infection यानी Sepsis, निमोनिया, TB, HIV का संक्रमण, AIDS, मलेरिया और Urinary Tract Infection जैसी बीमारियों के खिलाफ ज्यादातर Antibiotics दवाएं बेअसर हो चुकी हैं। और जल्द ही ऐसा होगा कि बच्चों के जन्म के समय में आने वाली परेशानियों, नवजात बच्चों को होने वाले Infections, कूल्हे और घुटने के Replacement, अंग प्रत्यारोपण के मामलों में इस्तेमाल होने वाली Antibiotics बेकार हो जाएंगी। आपको बता दें कि पिछले 40 वर्षों में किसी भी नई श्रेणी की Antibiotic दवा नहीं खोजी गई है।

What will be the effect:

  •  Antibiotic Resistance वाले बैक्टेरिया का इलाज नहीं खोजा गया तो जल्द ही पूरी दुनिया में हर साल करोड़ों लोग मारे जाएंगे, जानवर बेमौत मरने लगेंगे। फसलें खराब होने लगेंगी और कई तरह के अनाज खाने लायक नहीं रहेंगे।
  • 2050 तक Antibiotics के नाकाम होने की वजह से Global GDP को 3.5 प्रतिशत का नुकसान होगा। आप कह सकते हैं कि जब भी आप थोड़ी सी परेशानी और मामूली से सर्दी जुकाम में भी Antibiotics का सेवन करते हैं, तो आप अपने साथ साथ पूरी दुनिया को संकट में डाल रहे होते हैं। ये बात आपको सुनने में अजीब लग रही होगी लेकिन सच यही है कि जिस तरह आपकी दिनचर्या Ozone लेयर को नुकसान पहुंचाती है, Carbon Emmisson करती है और उससे पूरी पृथ्वी को नुकसान होता है, उसी तरह बात बात पर  Antibiotics का सेवन करना भी प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ता है 

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