- सरकार ने रक्षा और एयरलाइंस सेक्टर्स को विदेशी निवेशकों के लिए पूरी तरह खोल दिया। अब इन दोनों सेक्टरों में 100-100% तक विदेशी निवेश लाया जा सकता है।
- डिफेंस सेक्टर में नई एफडीआई लिमिट को आर्म्स ऐक्ट 1959 के तहत छोटे हथियारों और गोला-बारूद की मैन्युफैक्चरिंग पर भी लागू किया गया है।
- एयरलाइंस सेक्टर्स में भी 100 प्रतिशत विदेशी निवेश को हरी झंडी दे दी गई है। इसके तहत विदेशी कंपनियां ब्राउनफिल्ड एयरपोर्ट प्रॉजेक्ट्स (वैसे तैयार प्रॉजेक्ट्स जिसे खरीदकर सरकार या कंपनियां नए सिरे से काम शुरू करती हैं) में ऑटोमैटिक रूट से 100 प्रतिशत निवेश कर सकती हैं। पहले इस सेक्टर में 49 प्रतिशत तक के विदेशी निवेश की अनुमति थी।
- सरकार ने सिक्यॉरिटी एजेंसियों में ऑटोमैटिक रूट से एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत तक कर दी। हालांकि, इस सेक्टर में 49 प्रतिशत से 74 प्रतिशत तक के विदेशी निवेश के लिए सरकार की अनुमति लेनी होगी।
- सरकार ने एक और बड़ा फैसला किसी बिजनस के लिए ब्रांच या प्रॉजेक्ट ऑफिस खोलने को लेकर किया है। नए आदेश के तहत अब इसके लिए रिजर्ब बैंक का अप्रूवल या दूसरी तरह की सिक्यॉरिटी क्लियरेंस की जरूरत नहीं होगी। बशर्ते, एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) या संबंधित मंत्रालय अथवा नियामक की ओर से स्वीकृति, लाइसेंस या अनुमति मिल चुकी हो।