छत्तीसगढ़ का पीडीएस मॉडल आदर्श कैसे ?

- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों के साथ एक प्रतिनिधि मंडल रायपुर भेजा है। वे यहां समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए प्रदेश में लागू पीडीएस मॉल को समझने आए हैं। उन्होंने  छत्तीसगढ़ सरकार के पीडीएस के तहत धान उपार्जन और राशन वितरण की प्रक्रिया को लेकर प्रेजेंटेशन भी देखा। पीडीएस मॉडल से प्रभावित होकर उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जमकर तारीफ की.

छत्तीसगढ़ का पीडीएस मॉडल आदर्श कैसे ?

  •  छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने अपनी विधानसभा में वर्ष 2012 में खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा कानून बनाकर अपने राज्य के गरीबों को भोजन का अधिकार दिलाया है। 
  • राशन वितरण के साथ-साथ समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन भी इस प्रणाली में किया जा रहा है।
  •  राज्य में इस प्रणाली के तहत 12 हजार 348 उचित मूल्य दुकानों के जरिए 58 लाख से ज्यादा गरीब परिवारों को हर महीने सिर्फ एक रूपए किलो में चावल दिया जा रहा है।
  • इनमें से प्राथमिकता वाले नीले राशन कार्डधारक परिवारों को एक रूपए किलो में प्रति सदस्य सात किलो और अन्त्योदय श्रेणी के गुलाबी राशन कार्ड धारक परिवारों को एक रूपए किलो में 35 किलो चावल हर महीने दिया जाता है। 
  • आदिवासी क्षेत्रों में प्रति परिवार दो किलो और गैर अनुसूचित क्षेत्रों में प्रति परिवार एक किलो निःशुल्क आयोडाइज्ड नमक भी दिया जा रहा है। इसी तरह आदिवासी क्षेत्रों में हर महीने में सिर्फ पांच रूपए किलो में दो किलो चना भी वितरित किया जा रहा है। 

- यहां के खाद्य सुरक्षा कानून में राशन कार्ड को खाद्य अधिकार पुस्तिका का नाम दिया गया है। प्रत्येक राशन कार्ड परिवार की वरिष्ठ महिला मुखिया के नाम पर जारी करने का प्रावधान है। 

 - वित्तीय वर्ष 2017-18 से राज्य के लगभग आठ हजार दिव्यांगों को निःशुल्क चावल देने का भी ऐलान किया है। 

  • राशन वितरण और धान उपार्जन में पारदर्शिता के लिए सम्पूर्ण सार्वजनिक वितरण प्रणाली का वर्ष 2008 से कम्प्यूटरीकरण किया जा चुका है। इसके जरिये सम्पूर्ण प्रणाली को ऑन लाइन किया गया है। 
  • खाद्य विभाग की जनभागीदारी वेबसाइट में पंजीयन करवाने पर नागरिकों को ई-मेल के जरिए अपनी समस्या और अपने सुझाव भेजने की सुविधा मिलने लगती है।
  •  नागरिक इसमें अपना पंजीयन एसएमएस सुविधा के लिए भी करवा सकते हैं, जिसमें उन्हें उनके मोबाइल नम्बर अथवा ई-मेल आईडी पर नागरिक आपूर्ति निगम के प्रदाय केन्द्र से संबंधित उचित मूल्य दुकान को राशन सामग्री पहुंचाने वाले ट्रक नम्बर और उस ट्रक के द्वारा राशन दुकान में सामग्री पहुंचाने की पुष्टि भी की जाती है। 
  • इतना ही नहीं इस प्रणाली में खाद्य विभाग द्वारा जनवरी 2008 से निःशुल्क कॉल सेन्टर का भी संचालन किया जा रहा है।

इसमें कोई भी नागरिक टोल फ्री नम्बर 18002333663 अथवा टोल फ्री नम्बर 1967 डायर करके अपनी शिकायत या समस्या दर्ज करवा सकता है, जिसका यथा संभव त्वरित निराकरण किया जाता है। कॉल सेन्टर में 25 जनवरी 2017 तक 14 हजार 98 शिकायतें दर्ज हुई। इनमें से 13 हजार 269 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है। 

 

  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत राज्य में इस वित्तीय वर्ष 2016-17 में दस लाख परिवारों को महिलाओं के नाम पर सिर्फ 200 रूपए के पंजीयन शुल्क में निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पहले ही पूर्ण कर लिया गया है।
  • इतना ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जिसके द्वारा इस योजना में अपने यहां के हितग्राहियों को केवल 200 रूपए का अंशदान (पंजीयन शुल्क) लेकर डबल बर्नर चूल्हा और पहला भरा हुआ सिलेण्डर मुफ्त दिया जा रहा है।

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