सरकार ‘मेक इन इंडिया’ की जगह अब ‘बाय इन इंडिया’ को तेजी से बढ़ावा देते हुए दिख रही है.
Ø सरकार द्वारा घरेलू खरीद नीति को प्राथमिकता देने के लिए एक व्यापक नीति पर काम किया जा रहा है.
Ø प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने हाल ही में प्रस्तावित नीति की रूपरेखा पर बैठक की थी. माना जा रहा है कि सरकार इस नीति को जल्द ही ला सकती है.
Ø ‘बाय इन इंडिया’ नीति पर अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इसमें ऐसे क्षेत्रों को शामिल किया जा सकता है, जिनमें सरकार सबसे बड़ी खरीदार है जैसेकि इंजीनियरिंग, मशीनरी और कागज आदि. बताया जाता है कि नई नीति में ‘स्वदेशी’ का दायरा ज्यादा व्यापक होगा. हालांकि इस मामले के जानकारों में से कुछ का मानना है कि घरेलू खरीद को तरजीह देने पर हमेशा से ही विवाद होता रहा है. साथ ही इसे विश्व व्यापार संगठन में भी चुनौती दी जा सकती है.
Ø भारत ऐसे समय में यह कदम उठा रहा है जब अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में आर्थिक राष्ट्रवाद जोर पकड़ रहा है.