हमारे देश में पेट्रोलियम पदार्थों की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण हमारा देश 70 प्रतिशत पेट्रोलियम पदार्थों को अन्य देशों से आयात करता है जिसमें प्रतिवर्ष 1600 बिलियन रुपये खर्च किये जाते हैं जो हमारी देश की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर रहे हैं।
- आज पेट्रो पदार्थों के मूल्य के कारण पूरा विश्व चिंतित है। भारत जैसे विकासशील देश में जहां विकास की गति बढ़ रही है, वहां ऊर्जा की आवश्यकता और ऊर्जा आपूर्ति का प्रश्न देश के लिए अहम हो गया है।
- अतः हमें चाहिए कि हम हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य ईंधनों की अपेक्षा बायोडीजल के उत्पादन करने हेतु प्रेरित करें जिससे ग्रामीण रोजगार की समस्या का भी समाधान हो सके और बायोडीजल की उत्पादकता को भी बढ़ाया जा सके।
=>ट्रांसस्टरीफिकेशन (वसा व स्नेहक) एवं फरमेंटेशन (सेलुलोज सबस्ट्रेट) :-
- बायोडीजल जैविक गतिविधियों के द्वारा जैविक मूल पदार्थों के उपयोग से बनाया गया ईंधन है जिसमें सेलुलोज पदार्थों का किण्व या शुष्क जीवाणुओं एवं एंजाइमस की क्रियाविधि का उपयोग किया जाता है। इस विधि को ट्रांसस्टरीफिकेशन (वसा व स्नेहक) एवं फरमेंटेशन (सेलुलोज सबस्ट्रेट) के रूप में प्रयोग किया जाता है। इस विधि से प्राप्त बायोडीजल का अपने मूल स्वरूप व डीजल के साथ मिश्रण (गैसोलीन) के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
=> कौन कौन से पदार्थों से मिलता है बायो डीजल :-
- चूंकि बायोडीजल सेलुलोज सभी पदार्थों से बनाया जा सकता है किंतु अधिक बायोडीजल का उत्पादन करने हेतु हम फसल के दानों जैट्रोफा, करंज, गन्ना, सूर्यमुखी, सोयाबीन एवं कृषि उत्पादों से प्राप्त त्याजों द्वारा बायोडीजल प्राप्त कर सकते हैं।
- कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के परिणामस्वरूप हर देश ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की तलाश में है। हमारे देश में जिन स्रोतों पर तेजी से विचार एवं कार्य हो रहा है उनमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि कई विकल्प शामिल हैं।
=>ऊर्जा के साथ -साथ ग्रामीण रोजगार भी
-संभावनाओं की दृष्टि से देखने पर बायोडीजल सबसे प्रमुख रूप में उभरता है क्योंकि यह किसानों के हाथ में है और देश के दस करोड़ से भी अधिक किसान बायोडीजल से लाभ पा सकते हैं और हम स्वयं आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
- जैट्रोफा द्वारा बायोडीजल उत्पादन में 17 से 19 रुपये प्रति लीटर आय प्राप्त कर सकते हैं तथा इसी के साथ हम इससे सह उत्पाद जैसे बीजों के खल, गिलसरीन, नेलपॉलिश भी प्राप्त कर सकते हैं।
- किसानों और ग्रामीण रोजगार की दृष्टि से देखने पर बायोडीजल की कई खूबियां नज़र आती हैं। बायोडीज़ल को संग्रहित किया जा सकता है जबकि सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि को संग्रहित नहीं किया जा सकता है।
- जैट्रोफा की खेती को बढ़ावा देने के लिये किसानों को अनुदान (सब्सिडी) देना तथा उत्पादन होने पर उचित मूल्य पर खरीदना आवश्यक है।
- गांव में इस प्रकार के जो अखाद्य बीज पैदा होंगे, उनके छिलका उतारने व घानी से तेल निकालने का व्यवसाय गांव या कस्बे में ही किया जा सकता है।