ग्लोबल वॉर्मिंग से निपटने के लिए 200 देशों के बीच एक अहम समझौता हुआ: हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (एचएफसी) का उत्सर्जन होगा 85% तक कम

अफ्रीकी देश रवांडा में हुए इस समझौते के तहत साल 2045 तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में 85 फीसदी कमी करने का लक्ष्य तय किया गया है

-★ विश्व के करीब 200 देशों ने ग्लोबल वॉर्मिंग में कमी संबंधी एक समझौते पर सहमति जताई है. अफ्रीकी देश रवांडा की राजधानी किगाली में हुए समझौते के मुताबिक साल 2045 तक ग्रीनहाउस गैस हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (एचएफसी) में 85 फीसदी तक कमी करने की बात कही गई है.

★ एचएफसी गैस कार्बनडाइऑक्साइड के मुकाबले 10,000 गुना अधिक हानिकारक होती है. इसका ज्यादातर इस्तेमाल रेफ्रिजेरेटर और एयरकंडीशनर में किया जाता है.

★विकसित देशों को साल 2036 तक एचएफसी में 85 फीसदी कमी का लक्ष्य हासिल करना होगा

★ इस समझौते में कुल 197 देश शामिल हैं. 
★इस रिपोर्ट के अनुसार विकसित देशों के समूह, जिसमें अमेरिका और यूरोपीय देश आते हैं, को एचएफसी गैस की उत्सर्जन मात्रा में साल 2019 तक 10 फीसदी और इसके बाद 2036 तक 85 फीसदी तक कमी करनी है.
★ विकासशील देशों के लिए साल 2024 या 2028 से इस दिशा में कदम उठाने की बात कही गई है. 
★हालांकि, भारत के साथ ईराक, ईरान, पाकिस्तान और खाड़ी के देशों ने अभी तक इस संबंध में अपने लिए समय सीमा तय नहीं की है. 
★इन देशों का कहना है कि इससे उनके विकास की गति प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा गर्म जलवायु होने की वजह से एयर कंडीशनर पर रोक लगाना इस क्षेत्र के लोगों के लिए काफी तकलीफदेह हो सकता है.

=>>दुनिया को जलवायु परिवर्तन से सुरक्षित रखने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

★इस मौके पर यूएन पर्यावरण प्रोग्राम के प्रमुख एरिक सोल्हेम ने कहा है, ‘पिछले साल हमने जलवायु परिवर्तन से दुनिया को सुरक्षित रखने का वादा किया था. आज हमने अपने वादे को पूरा करने के रास्ते पर कदम बढ़ा दिए हैं.’
★ इस समझौते को साल 2100 तक वैश्विक तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने से रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

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