मानव जानवर संघर्ष

सन्दर्भ :

घटना गुड़गांव के सोहना कस्बे से सटे मंडावर गांव में जब ग्रामीण लोगो ने मिलकर एक तेंदुए को मार डाला | यह एक नहीं बल्कि इसी तरह के अन्य संघर्षो में से एक है

क्यों तेंदुए बाहर आ रहे है :

  • पर्यावरणविदों का कहना है कि अरावली क्षेत्र में धनाढ्यों के बढ़ते फार्महाउसों की वजह से जंगली जीवों का रकबा घटता गया है और वे अक्सर अपने रहवास क्षेत्र से भूख या प्यास के कारण भटक कर गांवों की तरफ चले जाते हैं। उनके साथ अक्सर यही भीड़-तंत्र वाला ‘न्याय’ होता है यानी उन्हें घेर कर क्रूरतापूर्वक मार डाला जाता है
  • Habitat Loss :  अनाप-शनाप शहरीकरण और वन्यक्षेत्रों में बढ़ते जाते अतिक्रमण की वजह से वन्यजीवों और दूसरे पशु-पक्षियों के विचरण का क्षेत्र कम होता गया है।
  • Shrinking Prey base : वनों के घटने के कारण खाद्य श्रृंखला में सबसे ऊपर प्राणियों के भोजन हेतु वन्य जीव नहीं कम हो रहे है जिसकी खोज में यह वनों से बाहर निकल आते हैhuman-wildlife-conflict

Systematic failure of machinary :

  • एक तरफ केंद्र और राज्य सरकारें वन्यजीवों और अभयारण्यों को लेकर विज्ञापनों और कार्यक्रमों में संजीदगी दिखाती रही हैं, लेकिन धरातल पर जब उनकी रक्षा करने की बारी आती है तो सारी कवायद फुस्स हो जाती है।
  • वन्य कर्मियों का समय पर नहीं पहुँच पाना एक failure की और इशारा करता है

 

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