हाल ही में एन्वायरमेंटल साइंस एंड पॉल्यूशन रिसर्च जरनल में आइआइटी मुंबई की एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव तो पड़ ही रहा है, मृत्यु दर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। यह रिपोर्ट बताती है कि:
- वर्ष 2015 में वायु प्रदूषण से दिल्ली में 48,651 लोगों की मौत हुई।
- लाख लोग विभिन्न रोगों के शिकार हुए। 1.2 लाख लोग गंभीर अवस्था में अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दाखिल हुए। और तो और वायु प्रदूषण से स्थायी शारीरिक विकृति भी तेजी से बढ़ रही है।
- इस श्रेणी में भी पाकिस्तान और बांग्लादेश के बाद भारत तीसरे नंबर पर है। 1995 से 2015 के दौरान वायु प्रदूषण से समय पूर्व हो रही मौत में 2.5 गुना इजाफा हुआ है।
- 1995 में ऐसी मौत का आंकड़ा था 19,716 जो 2015 में बढ़कर 48,651 पहुंच गया।
- इस रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण दिल्ली वासियों को बीमार भी बना रहा है। इन बीमारियों में श्वास रोग, दमा, अस्थमा, मधुमेह, मस्तिष्क संबंधी रोग, आंखों में जलन, त्वचा रोग व फेफड़ों से संबंधित रोग शामिल हैं। इनकी चपेट में भी अब हर आयु वर्ग के लोग आ रहे हैं।
अमेरिका के इंस्टीटयूट फॉर हेल्थ मेटिक्स एंड इवेल्यूशन (आइएचएमई) ने भी हाल ही में वायु प्रदूषण पर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें अमेरिका के साथ-साथ विश्व के 10 प्रमुख देशों के वायु प्रदूषण पर 1990 से 2015 तक की स्थिति का आकलन किया गया है। यह रिपोर्ट बताती है कि वायु प्रदूषण से इंसान की औसत उम्र तो घट ही रही है, लकवा, बांझपन व नपुंसकता भी बढ़ रही है। 2015 में यह स्थिति प्रति एक लाख लोगों में 2,900 लोगों की थी। हैरत की बात यह कि इस श्रेणी में अन्य देशों की तुलना में भारत का आंकड़ा तीसरे नंबर परहै। 3,100 के आंकड़े के साथ पाकिस्तान पहले नंबर पर है जबकि 3,000 की संख्या के साथ बांग्लादेश दूसरे नंबर पर|