वह वर्षा जिसमें वायुमंडल में निहित रासायनिक तत्व अथवा प्रदूषक मिल गये हों तथा जो पृथ्वी पर एक हल्के अमलीय सांद्रण के रूप में गिरती है।
Rain, which in the course of its history has combined with chemical elements or pollutants in the atmosphere and reaches the earth's surface as a weak acid solution.
- अम्लीय वर्षा, यह प्राकॄतिक रूप से ही अम्लीय होती है। इसका कारण यह है कि CO2 (कार्बन डाय ऑक्साईड) जो पॄथ्वी के वायुमंडल में प्राकृतिक रूप में विद्यमान है जो जल के साथ क्रिया करके कार्बोनिक एसिड बनाता है।
- अम्लवर्षा में अम्ल दो प्रकार के वायु प्रदूषणों से आते हैं। So2 & Nox , ये प्रदूषक प्रारंभिक रुप से कारखानों की चिमनियों, बसों व स्वचालित वाहनों के जलाने से उत्सर्जित होकर वायुमंडल में मिल जाते है।
- अम्ल वर्षा लगभग 70 प्रतिशत सल्फर के ऑक्साइड और 30 प्रतिशत नाइट्रोजन के ऑक्साइड के कारण होती है।
- यह भी देखा गया है कि अपने श्रोत से सैकड़ों-हजारों मील की यात्रा करके यह वहाँ भी अपने कुप्रभाव दिखाती है। यही कारण है कि अम्ल-वर्षा आज किसी एक देश की समस्या नहीं, अन्तर्राष्ट्रीय समस्या है।
SO2 + H2O -------H2SO3+ O--------H2SO4
2NO + O2----------2NO2+ H2O+O----------2HNO3
NH3 + H2O--------NH4OH
NH4OH + H2SO4---------(NH4)2SO4 + H2O
NH4OH + HNO3----------NH4NO3 + H2O
=>अम्लवर्षा के दुष्परिणाम :-
१. अम्लवर्षा के कारण जलीय प्राणियों की मृत्यृ
२. खेंतो और पेड़-पौधों की वृद्धि में गिरावट,
३. मृदा की उर्वरता में ह्रास
४. तांबा और सीसा जैसे घातक तत्वों का पानी में मिल जाना,
५. वर्षा जल में अम्ल की उपस्थिति के कारण क्षरण वाली क्रिया (Corrosive action) भवन, लकड़ी, स्टील और सीमेण्ट पत्थर के निर्माणों को क्षति पहुँचाती है।
६. त्वचीय कैंसर होना,
- ये सभी दुष्परिणाम देखे जा सकते है। जर्मनी व पश्चिम यूरोप में जंगलो का नष्ट होने का कारण अम्लवर्षा है।
=>समस्या का समाधान :-
- इस समस्या का समाधान एक ही प्रकार से संभव है। इसके लिये घातक वायु और पदार्थ के स्त्रोत जहाँ से ये प्रदूषक उत्पन्न हो रहे है, उनकों वहीं पर नियंत्रित करना।