नजरिये से खूबसूरत दिखेगी दुनिया

 

- यदि खेत में बीज न डाले जाएं तो कुदरत उसे घास-फूस से भर देती है। उसी तरह से यदि दिमाग में सकारात्मक विचार न भरें जाएं तो नकारात्मक विचार अपनी जगह बना ही लेते हैं और दूसरा नियम है कि जिसके पास जो होता है वह वही बांटता है। सुखी सुख बांटता है, दु:खी दुःख बांटता है, ज्ञानी ज्ञान बांटता है, भ्रमित भ्रम बांटता है, और भयभीत भय बांटता है। जो खुद डरा हुआ है वह औरों को डराता है, दबा हुआ दबाता है, चमका हुआ चमकाता है, जबकि सफल इनसान सफलता बांटता है।

- असल में होता यह है कि हम अपनी सोच और ज्ञान के हिसाब से अपनी बात को आगे रखते हैं। भावनाओं और विचारों के इस ट्रांसफॉरमेशन के बारे में जो विचार सामने आते हैं, इस बात के साथ एक उदाहरण देखें-एक दिन एक व्यक्ति ऑटो से रेलवे स्टेशन जा रहा था। ऑटो वाला आराम से ऑटो चला रहा था। एक कार अचानक ही पार्किंग से निकलकर रोड पर आ गयी। ऑटो चालक ने तेजी से ब्रेक लगाया और कार, ऑटो से टकराते-टकराते बची। कार चालक गुस्से में ऑटो वाले को ही भला-बुरा कहने लगा जबकि गलती कार चालक की थी। ऑटो चालक एक सकारात्मक विचार सुनने-सुनाने वाला था। वह क्षमा मांगते हुए आगे बढ़ गया। ऑटो में बैठे व्यक्ति ने ऑटो वाले से पूछा-तुमने उस कार वाले को बिना कुछ कहे ऐसे ही क्यों जाने दिया। उसने तुम्हें भला-बुरा कहा जबकि गलती तो उसकी थी।

- ऑटो वाले ने कहा-साहब बहुत से लोग गार्बेज ट्रक (कूड़े का ट्रक) की तरह होते हैं। वे बहुत सारा कूड़ा अपने दिमाग में भरे हुए चलते हैं। जैसे क्रोध, घृणा, चिंता, निराशा आदि। जब उनके दिमाग में इनका कूड़ा बहुत अधिक हो जाता है तो वे अपना बोझ हल्का करने के लिए इसे दूसरों पर फेंकने का मौका ढूंढ़ने लगते हैं। अगर उन जैसे लोगों द्वारा गिराया हुआ कूड़ा मैंने स्वीकार कर लिया तो मैं भी एक कूड़े का ट्रक बन जाऊंगा और आसपास के लोगों पर भी वह कूड़ा गिराता रहूंगा।

- इसलिए जो हमसे अच्छा व्यवहार करते हैं उन्हें धन्यवाद कहो और जो हमसे अच्छा व्यवहार नहीं करते उन्हें मुस्कुराकर माफ़ कर दो। इस उदाहरण से हमने समझा कि किस तरह सकारात्मक सोच और बातों से हम अपने को कैसे प्रसन्न रख सकते हैं। असल में सब कुछ छिपा है, हमारे विचार और सोच में। इसलिए अच्छी सोच, अच्छे विचार ही हमें अच्छाई यानी सकारात्मकता की ओर ले जाएंगे।

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