नोटबंदी के बाद सरकार का डिजिटल पेमेंट पर जोर है. यूपी के कुशीनगर में रैली में भी पीएम ने बाकायदा उदाहरण देकर समझाया कि कैसे आपका मोबाइल आपका बटुआ बन सकता है. सरकार का लक्ष्य है कैशलेस इंडिया बनाना.
★क्या है डिजिटल पेमेंट ?
- मोदी जिस डिजिटल करेंसी की बात कर रहे हैं वो क्या है, डिजिटल यानी आपके मोबाइल या कंप्यूटर में ही बैंकिंग से लेकर भुगतान तक की सुविधा. यानी आप अपने मोबाइल के जरिए ही सब्जी, दूध से लेकर रोजमर्रा की हर जरूरत का सामान खरीद सकते हैं.
◆ अभी डिजिटल भुगतान क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, मोबाइल बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट के जरिए किया जाता है. नोटबंदी के बाद मोबाइल वॉलेट कंपनी पेटीएम इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में है. पेटीएम से रोज 120 करोड़ रुपये का लेन-देन हो रहा है. पेटीएम यूजर्स की संख्या 15 करोड़ पहुंच चुकी हैं. चाय, गोलगप्पे जैसे 10 लाख छोटे-बड़े दुकानदार भी पेटीएम से खुशी-खुशी पेमेंट ले रहे हैं.
★पे वर्ल्ड नाम की कंपनी 10 करोड़ यूजर्स हैं. एक लाख जगहों पर पे वर्ल्ड से ट्रांजेक्शन होता है. 630 शहरों के साथ साथ 80 हजार गांवों में भी पे वर्ल्ड की पहुंच है. नोटबंदी के बाद कंपनी का बिजनेस 25 फीसदी बढ़ा है.
=>>कैसे सच होगा पीएम का डिजिटल इंडिया बनाने का सपना
◆पीएम मोदी का सपना देश को डिजिटल इंडिया बनाने का है, लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. देश में 65 फीसदी मोबाइल यूजर्स के पास स्मार्ट फोन नहीं है. 93 फीसदी ग्रामीण भारत ने कोई डिजीटल ट्रांजेक्शन किया नहीं है.
=>अभी मोबाइल वॉलेट ट्रांजेक्शन 20 हजार 600 करोड़ का
◆लेकिन मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म (बीसीजी) की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक गांवों में मोबाइल यूजर्स की संख्या 30 करोड़ से ज्यादा होगी. इसीलिए तो अनुमान लगाया जा रहा है कि 2022 तक यानी अगले चार सालों में मोबाइल वॉलेट से ट्रांजेक्शन 55 लाख करोड़ तक हो सकता है, जो अभी 20 हजार 600 करोड़ है. अनुमान भविष्य का सच लगता है क्योंकि 2014-15 में मोबाइल वॉलेट यूजर्स की जो संख्या 25 करोड़ थी वो अब 60 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है.