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वर्ष 2016 के 'लोकतंत्र सूचकांक' में भारत वर्ष 2015 के 35वें स्थान से उछलकर 32वें स्थान पर आ गया है। यह सूचकांक द इकनॉमिस्ट समाचार पत्र की इकनॉमिक इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) तैयार करती है।
- इस दौरान दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्र ने दुनिया के सबसे ताकतवर लोकतांत्रिक देश यानी अमेरिका को सभी मानकों पर पीछे छोड़ दिया
- अगर ब्रिक्स देशों से तुलना की जाए तो भारत का प्रदर्शन निखरकर सामने आता है। ब्राजील जो कि काफी कुछ भारत जैसा देश है वह 51वें स्थान के साथ ईआईयू की सूची में 'खामी वाले लोकतंत्र' की श्रेणी में आता है। वह केवल निवार्चन प्रक्रिया और बहुलता के मामले में ही भारत के समान है।
- रूस को इस सूची में 134वां और चीन को 136वां स्थान मिला। इन दोनों देशों को अधिनायकवादी देशों की सूची में शामिल किया गया है।
- भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है जिनको इस सूची में स्थान मिला।
- केवल 19 देशों को ही पूर्ण लोकतंत्र माना गया।
देश को गणतंत्र बने 68 साल और आजाद हुए 70वां साल चल रहा है। ऐसे में इन बातों का जश्न मनाया जाना चाहिए क्योंकि तमाम आर्थिक और सांस्कृतिक जटिलताओं के दरमियान और अधिनायकवादी औपनिवेशिक शासन के जबरदस्त ऐतिहासिक बोझ के साथ देश ने राजनीतिक लोकतंत्र बनने का यह सफर तय किया है।