प्रश्न : स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के अलावा लोकतंत्र के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं है लेकिन हाल के वर्षों में यह तेजी से देखा गया है कि इसको कैसे पीछे धकेल दिया गया है। इस सम्बन्ध में, चुनाव सुधारों के लिए किए कामो और इसमें सुधारों की गुंजाइश के स्वरूप की व्याख्या कीजिए ।