डिजिटल इंडिया की चुनौतियाँ

जुलाई 2015 को केंद्र सरकार ने डिजिटल इंडिया सप्ताह की शुरुआत की थी. आज गांव में इन दिनों राशन कार्ड के जरिये मिलनेवाली सुविधाओं को लाभुकों के बैंक खातों से जोड़ने की पहल हो रही है, लेकिन अब तक डिजिटल इंडिया की मूलभूत सुविधाएं गांव तक पहुंची ही नहीं हैं और कागज पर सर्वे जारी है. 

Pillars of Digital India

digital india

ऐसे में क्या डिजिटल इंडिया से रूरल इंडिया दूर होता जा रहा है??

  • सरकार चाहती है कि डिजिटल इंडिया के मार्फत लोगों को रोजमर्रा की सभी सुविधाएं पहुचायी जाये. यह बढ़िया बात है, फिर देश के कई ग्रामीण इलाके तक यह सुविधा अब तक क्यों नहीं पहुंची, यह एक बड़ा सवाल है.
  • याद करिये, सरकार ने डिजिटल इंडिया अभियान को नौ क्षेत्रों में बांटने की कोशिश की थी.  देश के आखिरी घर तक ब्रॉडबैंड के जरिये इंटरनेट पहुंचाने की बात थी. अब सवाल है कि गांव तक कैसे ब्रॉडबैंड सेवा पहुंचेगी? ★दरअसल, ब्रॉडबैंड हाइवे की शुरुआत आप्टिक फाइबर नेटवर्क से होती है. गांव-गांव तक फाइवर नेटवर्क का challengeतार बिछाना सबसे बड़ी चुनौती है. सरकार को उन गांवों तक पहुंचना होगा, जहां तक अभी भी न सड़क पहुंच पायी है और न ही बिजली.
  • डिजिटल इंडिया के तहत सरकार पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम की बात कहती रही है. लेकिन जरा सोचिये, जिस गांव में बिजली और सड़क नदारद है, वहां तक आप ऐसे ख्वाब कैसे पहुंचायेंगे? पंचायत तक इस योजना को पहुंचाना कठिन चुनौती है. सरकार इ-गवर्नेंस की भी बात कर ही है.
  • इसका अर्थ यह है कि वह सरकारी दफ्तरों को डिजिटल बनाना चाहती है और सेवाओं को इंटरनेट से जोड़ने का ख्वाब रखती है. इन सभी को अमलीजामा पहनाने के लिए काफी मशक्कत करनी होगी. सरकार को हर कर्मचारी को डिजिटल कार्यक्रम से रूबरू कराना होगा और ट्रेनिंग देनी होगी. 
  • डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत सरकार इ-क्रांति की बात करती है : जिस देश में अभी भी अन्न-जल चुनौती है. जहां हर दिन लाखों लोगों का चूल्हा आज भी बड़ी मुश्किल से जल रहा है, वहां डिजिटल उपकरणों की उपलब्धता की गारंटी देना एक सपना ही लगता है. लेकिन हम आशा तो रख ही सकते हैं.

क्या करना होगा : सरकार इस ख्वाब को हकीकत में बदलने के लिए मिशन मोड में काम करे. गांव-गांव, कस्बे-कस्बे तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए व्यापक स्तर पर काम करना होगा. 

★आधारभूत ढांचे का निर्माण करना होगा. पूरे देश में केबल बिछाना होगा. पहाड़ों, नदियों, जंगलों से होकर हर गांव तक केबल ले जाना कठिन काम है।

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