रेटिंग एजेंसियों की भूमिका तेजी से सवाल के घेरों में आई है। ऐसा क्यों ? क्या आपको लगता है कि इन रेटिंग एजेंसियों द्वारा भारत की खराब रेटिंग वास्तव में भारत की वर्तमान आर्थिक वास्तविकता को दर्शाती है?

GS PAPER III

भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोजगार से सम्ब​न्धित विषय

रेटिंग एजेंसियों की भूमिका तेजी से सवाल के घेरों में   आई है।  ऐसा क्यों ? क्या आपको लगता है कि इन रेटिंग एजेंसियों द्वारा भारत की खराब रेटिंग वास्तव में भारत की वर्तमान आर्थिक वास्तविकता को दर्शाती है?

The role  of ratings agencies has increasingly come into question. Examine why. Do you think the poor rating of India by these rating agencies truly reflect India’s present economic reality?

Economic Survey 2016-2017, Chapter 1

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