सही मायने में स्वतंत्र केंद्रीय बैंकों का क्या औचित्य हैं? क्या भारत में मौद्रिक नीति का निर्धारण करने में भारतीय रिजर्व बैंक को पूर्ण स्वायत्तता देना वांछनीय है?
What are the rationales of truly independent central banks? Is it desirable in India to give full autonomy to RBI in determining monetary policy?
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